एक मशहूर शब्द है, बेशक आप सबने सुना ही होगा – दोगला चरित्र। ये शब्द भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर बिल्कुल सही बैठता है।

ये वही अमित शाह हैं जो 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के सबरीमाला फैसले पर सवाल उठाते हैं। सुप्रीम कोर्ट को नसीहत देते हैं कि फैसला सोच समझ कर लिया जाए।

मगर वही राफेल डील में उनके पार्टी द्वारा गठित सरकार को सुप्रीम कोर्ट क्लीन चिट देती है तो वो सुप्रीम कोर्ट की वाह-वाही करते नहीं थमते।

आज यानी 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे पर भाजपा को क्लीन चिट दिया है। जिसके बाद से अमित शाह मानों ऐसे खुश हैं जैसे चोर, चोरी करने के बाद बरी हो जाता है।

अपनी खुशी जाहिर करते और सुप्रीम कोर्ट की तारीफ करते हुए कोर्ट के फैसले के बाद अमित शाह दो बार ट्वीट कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट का जिक्र करते हुए अमित शाह ने एक ट्वीट किया में कहा सच की हमेशा जीत होती है।

राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह साबित हो गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष राजनीति पाने के लिए बीजेपी के खिलाफ गलत अफवाहें उड़ा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट को राफेल डील की प्रक्रिया में गलती नहीं दिखाई दी और न ही कॉमर्शियल फेवरेटिज्म जैसा कुछ दिकाई दिया।

लेकिन वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी ने अमित शाह को कठघेरे में ले लिया। पार्टी के नेता संजय सिंह ट्वीट करते हैं कि सबरीमाला और राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सवाल खड़ा करने वाले अमित शाह और भाजपाई आज प्रसन्न है।

दरअसल अमित शाह के इसी दोहरे चरित्र की बात हो रही है। राफेल डील का फैसला भाजपा के खेमें में होने के बाद अमित शाह के लिए सुप्रीम कोर्ट सर्वोपरि है।

वहीं सबरीमाला मंदिर की बात आती है तो सुप्रीम कोर्ट उनके लिए दुश्मन बन जाती है। तब उनके अंदर का हिंदुत्व जाग उठता है। वो सुप्रीम कोर्ट को हिंदुत्व का पाठ पढ़ाने लगते हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंदिरों के खिलाफ साजिश नज़र आता है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला भाजपा या हिंदुत्व के पक्ष में है तो ही फैसला सहीं है अन्यथा ग़लत। जरा सोचिए कि सबरीमाला के फैसले पर अमित शाह देश की सर्वोच्च अदालत पर इतना भड़क सकते हैं तो आयोध्या – बाबरी विवाद पर मंदिर के पक्ष में फैसला न आने पर क्या कर जाएंगे ।

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