सोशल मीडिया पर कल दिन से एक पोस्ट तैरने लगा। जिसमें कहा जा रहा था कि पत्रकार और एंकर पुण्य प्रसून बाजपेयी को एक बार फिर ‘एक’ चैनल ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसके बाद कई लोग इस ख़बर को अपने शब्दों में विवरण करने लगे। किसी ने कहा कि चुनाव करीब होने पर ऐसा हुआ है तो किसी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा क्योंकि पिछली बार ऐसा ही कुछ था इसलिए इस बार दोषी मोदी सरकार ही है।

दरअसल हिंदी न्यूज चैनल ‘सूर्या समाचार’ की रिलॉन्चिंग के बाद एक सिर्फ सत्ता से सवाल करने वाला चेहरा बने पुण्य प्रसून बाजपेयी इसमें मुख्य एंकर बनकर सामने आ रहें थे। रोस्टर का मुद्दा हो या फिर वोटरों से ज्यादा योजनाओं की घोषणा पर मोदी सरकार को घेरना।

पुण्य प्रसून बाजपेयी हर वो काम कर रहें जो एक पत्रकार को सिखाया जाता है। इसके बाद ख़बर आई की पुण्य प्रसून बाजपेयी की जो ‘खटपट’ सूर्या समाचार मैनेजमेंट के साथ हुई और चैनल ने उन्हें बा-इज्जत बाहर रास्ता दिखा दिया। सुबह एचआर ने पुण्य प्रसून बाजपेयी की टीम के सभी मेंबर्स को व्यक्तिगत मेल के जरिए सूचित किया कि आपका कंपनी के साथ नाता खत्म किया जा रहा है और 31 मार्च 2019 आपकी कंपनी के साथ काम करने की अंतिम तिथि है।

अब विपक्षी नेता एक बार फिर पुण्य प्रसून बाजपेयी के समर्थन में खड़े होने लगे है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस मामले पर सीधे सीधे पीएम मोदी को कठघरे में खड़ा किया।

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, पत्रकार से फिर डरा चौकीदार, हिटलर-शाही के इस दौर में सच बोलना कितना मुश्किल है यह पुण्य प्रसून बाजपेयी की हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है, सूर्या TV भी उनको निकालने की तैयारी में है। हम सब बहुत नासमझ है, हमें कुछ नही पता किसके इशारे पर यह सब हो रहा है।

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