गंगा नदी की सफाई के लिए पर्यावरणविद जी डी अग्रवाल की मांगों को आगे बढ़ेते हुए पिछले 160 दिनों से संत गोपालदास खाना-पीना त्याग कर अनशन पर बैठ़े थे।
लेकिन पिछले तीन दिनों से वह दिल्ली स्थित एम्स से संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो चुके है। उनके एम्स से गायब के होने की सूचना खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर ऑकउंट से दी है।
उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा कि संत गोपाल दास गौरक्षा और गंगा सफ़ाई के लिए अनशन पर थे। उनको मोदी सरकार ने AIIMS से ग़ायब कर दिया है।
उनके पिता को भी केंद्र सरकार नहीं बता रही कि उनको कहाँ ले गए। संत गोपाल दास असली गौ रक्षक हैं। उनके साथ मोदी सरकार का ऐसा बर्ताव? उन्हें तुरंत उनके पिता के सुपुर्द किया जाए।
संत गोपाल दास गौ रक्षा और गंगा सफ़ाई के लिए अनशन पर थे। उनको मोदी सरकार ने AIIMS से ग़ायब कर दिया है। उनके पिता को भी केंद्र सरकार नहीं बता रही कि उनको कहाँ ले गए। संत गोपाल दास असली गौ रक्षक हैं। उनके साथ मोदी सरकार का ऐसा बर्ताव? उन्हें तुरंत उनके पिता के सुपुर्द किया जाए https://t.co/F9R57eH4GM
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 5, 2018
डॉक्टरों दी गलत जानकारी
संत गोपालदास के अचानक लापता होने की सूचना पर एम्स पहुंचे आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती के अनुसार 48 तक घंटे एम्स के मेडीकल सुपरिटेंडेंट ने संत गोपालदास के बारे में कोई जानकरी नहीं दी। इससे नराज़ होकर एम्स में ही धरने पर बैठने के बाद डॉक्टरों द्वारा जो जानकारी दी गई वह कथित तौर पर फर्जी निकली।
एम्स प्रशासन द्वारा गलत जानकारी देने पर भड़के विधायक सोमनाथ भारती ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए लिखा कि संत गोपाल दास जी के मामले में एम्स के मेडीकल सुपरिटेंडेंट डॉ शर्मा 48 घंटे बाद बता रहे है कि संत जी को देहरादून के एक हॉस्पिटल में लावारिश बोल कर छोड़ दिया गया है लेकिन हस्पताल में उनका अता पता नहीं है। मां गंगा और गौमाता के ऊपर काम करने संत गोपालदास जी मोदी जी क्यों डर रहे है?
संत गोपाल दास जी के मामले में एम्स के मेडीकल सुपरिटेंडेंट डॉ शर्मा 48 घंटे बाद बता रहे है कि संत जी को देहरादून के एक हॉस्पिटल में लावारिश बोल कर छोड़ दिया गया है लेकिन हस्पताल में उनका अता पता नहीं है। मां गंगा और गौमाता के ऊपर काम करने संत गोपालदास जी मोदी जी क्यों डर रहे है? pic.twitter.com/Mx5OcHuVwG
— Adv. Somnath Bharti (@attorneybharti) December 6, 2018
आपकों बता दें कि पर्यावरणविद जी डी अग्रवाल जो की गंगा की सफाई के लिए 111 दिनों तक अनशन पर रहें थे उनकी मृत्यु हाल ही में बीती 11 अक्टूबर को हुई है।
उनकी प्रमुख मांगों में से एक मांग गंगा एक्ट को लागू करने की थी जिसे लागू करने का वादा चुनावों के दौरान नरेंद्र मोदी ने भी किया था।
लेकिन यह वादा मोदी सरकार के अन्य वादों की तरह आज तक कभी पूरा ही नहीं हो पाया। साथ ही जी डी अग्रवाल की मृत्यु पर प्रधानमंत्री ने भी शोक जताया था।
Saddened by the demise of Shri GD Agarwal Ji. His passion towards learning, education, saving the environment, particularly Ganga cleaning will always be remembered. My condolences.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2018