गंगा नदी की सफाई के लिए पर्यावरणविद जी डी अग्रवाल की मांगों को आगे बढ़ेते हुए पिछले 160 दिनों से संत गोपालदास खाना-पीना त्याग कर अनशन पर बैठ़े थे।

लेकिन पिछले तीन दिनों से वह दिल्ली स्थित एम्स से संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो चुके है। उनके एम्स से गायब के होने की सूचना खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर ऑकउंट से दी है।

उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा कि संत गोपाल दास गौरक्षा और गंगा सफ़ाई के लिए अनशन पर थे। उनको मोदी सरकार ने AIIMS से ग़ायब कर दिया है।

उनके पिता को भी केंद्र सरकार नहीं बता रही कि उनको कहाँ ले गए। संत गोपाल दास असली गौ रक्षक हैं। उनके साथ मोदी सरकार का ऐसा बर्ताव? उन्हें तुरंत उनके पिता के सुपुर्द किया जाए।

डॉक्टरों दी गलत जानकारी

संत गोपालदास के अचानक लापता होने की सूचना पर एम्स पहुंचे आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती के अनुसार 48 तक घंटे एम्स के मेडीकल सुपरिटेंडेंट ने संत गोपालदास के बारे में कोई जानकरी नहीं दी। इससे नराज़ होकर एम्स में ही धरने पर बैठने के बाद डॉक्टरों द्वारा जो जानकारी दी गई वह कथित तौर पर फर्जी निकली।

एम्स प्रशासन द्वारा गलत जानकारी देने पर भड़के विधायक सोमनाथ भारती ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए लिखा कि संत गोपाल दास जी के मामले में एम्स के मेडीकल सुपरिटेंडेंट डॉ शर्मा 48 घंटे बाद बता रहे है कि संत जी को देहरादून के एक हॉस्पिटल में लावारिश बोल कर छोड़ दिया गया है लेकिन हस्पताल में उनका अता पता नहीं है। मां गंगा और गौमाता के ऊपर काम करने संत गोपालदास जी मोदी जी क्यों डर रहे है?

आपकों बता दें कि पर्यावरणविद जी डी अग्रवाल जो की गंगा की सफाई के लिए 111 दिनों तक अनशन पर रहें थे उनकी मृत्यु हाल ही में बीती 11 अक्टूबर को हुई है।

उनकी प्रमुख मांगों में से एक मांग गंगा एक्ट को लागू करने की थी जिसे लागू करने का वादा चुनावों के दौरान नरेंद्र मोदी ने भी किया था।

लेकिन यह वादा मोदी सरकार के अन्य वादों की तरह आज तक कभी पूरा ही नहीं हो पाया। साथ ही जी डी अग्रवाल की मृत्यु पर प्रधानमंत्री ने भी शोक जताया था।

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