गोकशी के आरोप में SIT की ओर से क्लीन चिट मिलने के बाद जेल से रिहा हुए चार मुस्लिम युवकों का दर्द छलक पड़ा है। उनमें से एक सर्फ़ुद्दीन का कहना है कि, “हमें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि हम मुसलमान हैं। प्रशासन हिंसा के 18 दिन बाद भी बाद भी असली गुनहगारों को पकड़ने में नाकाम रहा है।“
सर्फ़ुद्दीन ने हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बातचीत में कहा कि, “मैं नहीं जानता कि अल्लाह ने उसे क्यों सज़ा दी, जबकि मेरी कोई ग़लती भी नहीं थी। अब मेरे क़ीमती 16 दिन कौन लौटाएगा? इस दौरान मेरे परिवार और बच्चों ने कितनी परेशानियाँ झेली हैं।“
सर्फ़ुद्दीन का कहना है कि, उन्हें बजरंग दल के नेता और मामले के मुख्य आरोपी योगेश राज ने साज़िशन मामले में फंसाया था। क्योंकि वो गाँव की मदनी मस्जिद के अध्यक्ष हैं और मस्जिद में कुछ निर्माण का काम चल रहा था जिसका योगेश राज विरोध कर रहा था।
ग़ौरतलब है कि, पुलिस ने गोकशी के आरोप में पकड़े गए सर्फ़ुद्दीन, नन्हें, साजिद और आसिफ़ पर यू-टर्न लेते हुए बेकसूर बताया था।
इन चारों को हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज की शिकायत पर गिरफ़्तार किया गया था। योगेश राज अब तक फ़रार है। पुलिस उसको पकड़ने में नाकाम रही है।
मामले में पुलिस ने ये बयान दिया था-
बुलंदशहर के एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना था कि, प्रथम दृष्टया हमने पाया है कि पहले गिरफ़्तार किए गए चारों लोग बेगुनाह हैं। इनको जेल से छुड़वाने के लिए हम कोर्ट जाएंगे।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना था कि मंगलवार (18 दिसम्बर) को पुलिस ने जिन 3 आरोपियों नदीम, रईस, और काला को पकड़ा है वही असली गुनहगार हैं। पुलिस का दावा था कि पकड़े गए आरोपियो के पास से उसने गोमांस ले जाने के लिए इस्तमाल होने वाली गाड़ी और गोहत्या में इस्तमाल चाकू बरामद हुआ था।
क्या है मामला-
बीते 3 दिसम्बर को बुलंदशहर के में गोकशी की ख़बर के बाद बड़ी तादाद में इकट्ठा हुई भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया था। हिंसक भीड़ ने थाना स्याना पर हमला कर दिया और इसी हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी।
घटना की शुरुआत से ही योगी सरकार पर मामले में असंवेदशीलता बरतने का आरोप लगता रहा है। बुलंदशहर हिंसा के बाद सीएम योगी ने आला अफ़सरों के साथ बैठक की थी जिसमें उनका सारा ध्यान गोकशी पर था। इस बैठक से सुबोध कुमार की शहादत की ज़िक्र नदारद था।
बुलंदशहर हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक 18 लोगों को गिरफ़्तार किया है। हिंसा का मुख्य आरोपी बजरंग दल का ज़िला संयोजक योगेश राज अब भी पुलिस की गिरफ़्त से बाहर है। हालांकि वो सोशल मीडिया पर अक्सर नज़र आता है।