कर्नाटक में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब के बाद सिख समुदाय की ‘पगड़ी’ विवादों में है। मंगलुरु के एक निजी स्कूल ने कथित तौर पर सिख समुदाय के एक छह वर्षीय लड़के को प्रवेश देने से इनकार कर दिया है, जिसने ‘पटका’ पगड़ी पहन रखी थी।

स्कूल प्रशासन कथित तौर पर माता-पिता से कहा कि अगर उनका बच्चा पटका और कड़ा पहनता है तो उसे अपने स्कूल में एडमिशन नहीं दे सकते। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संस्था राष्ट्रीय सिख संगत के सेक्रेटरी बलविंदर की माने तो स्कूल प्रशासन ने कहा कि या तो बच्चे को पटका हटाना होगा या किसी दूसरे स्कूल में दाखिला लेना होगा।

स्कूल ने अब अभिभावकों से 28 फरवरी तक का समय मांगा है, ताकि वे आंतरिक रूप से यह तय कर सकें कि पटका पहनने वाले छात्र को उनके स्कूल में प्रवेश दिया जा सकता है या नहीं। मामला सामने आने पर जिला बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने चाइल्डलाइन से रिपोर्ट मांगी है।

बता दें कि कर्नाटक के ही एक कॉलेज ने अमृतधारी सिख लड़की से पगड़ी उतारकर क्लास में आने को कहा है। यह मामला बेंगलुरू माउंट कार्मेल पीयू कॉलेज का हैं। जिसमें 17 साल की एक अमृतधारी सिख लड़की को पगड़ी हटाने के लिए कहा गया है।

कॉलेज प्रशासन का कहना था कि उसे 10 फरवरी को दिए गए हाई कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा, जिसमें सभी के लिए समान ड्रेस कोड की बात कही गई है।

छात्रा के पिता गुरुचरण सिंह ने मीडिया को बताया है कि 16 फरवरी को कॉलेज प्रशासन ने उनकी बेटी से कक्षा में अपनी पगड़ी उतारकर बैठने को कहा था। इस पर मैंने कॉलेज प्रशासन को बताया है कि हम अमृतधारी सिख हैं और यह हमारी आस्था का अभिन्न अंग है। हम बिना पगड़ी पहने कभी बाहर नहीं जाते। इसके बाद बुधवार (23 फरवरी) को फिर से कॉलेज ने कहा कि आपकी बेटी को पगड़ी में आने की परमिशन नहीं दे सकते। कॉलेज प्रशासन ने इसके पीछे कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश का हवाला दिया और कहा कि उन्हें इसका पालन करना होगा।

छात्रा के पिता का कहना है कि उनकी बेटी कई सालों से कॉलेज में पढ़ रही है। उसे कभी भी अपनी पगड़ी उतारने के लिए नहीं कहा गया। उसे हमेशा कक्षा में बैठने की अनुमति दी गई है। अब अचानक से पगड़ी उतारने की बात हो रही है।

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