प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी कोई इंटरव्यू देते हैं तो उनसे कोई न कोई बलंडर मिस्टेक हो ही जाती है। वह कभी खुद को गरीब बताने के चक्कर में अपना कपड़ा खुद से धोने लगते हैं और कभी ख़ुद को एडवांस साबित करने की होड़ में 35 साल पहले के डिजिटल कैमरा यूज़र बन जाते हैं। उनके यह बयान तथ्यों से दूर होते हैं।
न्यूज़ नेशन को शनिवार को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा, ‘शायद, मैंने पहली बार डिजिटल कैमरा का उपयोग किया, 1987-1988 में और उस समय काफी कम लोगों के पास ईमेल रहता था। मेरे यहां विरमगाम तहसील में आडवाणी जी की रैली थी, मैंने डिजिटल कैमरा पर उनकी फोटो खींच कर दिल्ली को ट्रांसमिट की।’
पीएम मोदी के इस बयान के बाद उनका सोशल मीडिया पर जमकर मज़ाक बनाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग चुटकी लेते हुए कह रहे हैं कि पीएम मोदी ने अपनी वाहवाही के चक्कर में भारत में इंटरनेट और डिजिटल कैमरा आने से पहले ही इस्तेमाल कर डाला।
इकॉनोमिस्ट रूपा सुब्रमण्या ने लिखा कि 1988 में पश्चिमी देशों में भी कुछ ही वैज्ञानिकों के पास ही ईमेल था, लेकिन पीएम मोदी ने 1988 में ही हिंदुस्तान में ईमेल का इस्तेमाल कर लिया था। जबकि बाकी देश के लिए 1995 में इसका इस्तेमाल लागू हुआ।
In 1988, even in the developed west, email was available to a few academics and scientists but Modi somehow used it in 1988 in India before it was officially introduced to the rest of us in 1995. ? https://t.co/cq3nhRLEQJ
— Rupa Subramanya (@rupasubramanya) May 12, 2019
पत्रकार शाहिद अख्तर ने लिखा है कि पहला डिजिटल कैमरा 1990 में बिक्री के लिए सामने आया था। ये लोजिटेक फोटोमैन का ग्रे वर्ज़न था। लेकिन पीएम मोदी के पास ये 1988 में ही था। इसके अलावा तब उन्होंने इंटरनेट का भी इस्तेमाल कर लिया था, जबकि भारत में 14 अगस्त, 1995 में इंटरनेट आया था।
?@shahidakhtar says: First digital camera to actually go on sale was the 1990 Dycam Model 1. A grey version was marketed as the Logitech Fotoman.
But Modi has it in 1988. He also had email service though internet was introduced in India on 14 August 1995https://t.co/tsyizXgo6v— Rakesh Sharma (@rakeshfilm) May 12, 2019
यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी ने तथ्यों को दरकिनार कर कोई झूठ बोला हो। इससे पहले भी वह ख़ुद को गरीब बताने के लिए कई झूठ बोल चुके हैं। जिसमें उनका मुख्यमंत्री बनने तक खुद से कपड़ा धोने का दावा भी शामिल है।
उनके पहले के बयानों को देखें तो वह हमेशा खुद को गरीब बताने के लिए झूठ बोलते रहे हैं। यह पहली बार है जब उन्होंने खुद को एडवांस बताने के चक्कर में अमीर बता दिया है। डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल आज भी कोई गरीब नहीं करता और जिस वक्त की बात पीएम मोदी कर रहे हैं, उस वक्त तो कोई अमीर ही डिजिटल कैमरा रख सकता था।
पीएम मोदी की के इस बयान पर पत्रकार उमाशंकर सिंह ने ट्विटर के ज़रिए कटाक्ष किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “35 साल भिक्षा माँग कर खाने वाले के पास डिजीटल कैमरा भी था और ईमेल सुविधा भी। बस आटा की तरह डाटा भी माँगना पड़ता था”।
35 साल भिक्षा माँग कर खाने वाले के पास डिजीटल कैमरा भी था और ईमेल सुविधा भी।
बस आटा की तरह डाटा भी माँगना पड़ता था। ? https://t.co/WLIAcIBfap
— व्यंग्यकार Umashankar Singh (@umashankarsingh) May 13, 2019