प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने खुद को 35 साल पुराना इंटरनेट और डिजिटल कैमरा यूज़र बता दिया है। सोशल मीडिया पर उनके इस बयान को तथ्यों के आधार पर ग़लत बताया जा रहा है और इस ग़लतबयानी के लिए उनका जमकर मज़ाक बनाया जा रहा है।
पीएम मोदी के इस बयान पर बॉलीवुड एक्टर प्रकाश राज ने भी ट्वीट कर चुटकी ली है। उन्होंने लिखा, “हम लोगों को जहां तक जानकारी है तो 90 के दशक में डिजिटल कैमरा के बारे में जानकारी हुई थी। लेकिन हमारे चौकीदार के पास डिजिटल कैमरे और ईमेल की जानकारी 80 के दशक में ही हो गई थी, हालांकि वे उस समय जंगल में थे…महाभारत पढ़ते हुए। बादलों से घिरे हुए। उल्लू बनाने के भी हद होती है भाई”।
THOUGH we CITIZENS knew only in 90s…Our CHOWKIDAR derived the knowledge of DIGITAL CAMERAS and EMAILS in the 80s ..while he was in the forests ..by reading MAHABHARATA…surrounded by CLOUDS….???. ULLU BANANA KA BHI HADH HOTA HAI ..BHAI pic.twitter.com/WMeKy1VfGH
— Prakash Raj (@prakashraaj) May 13, 2019
बता दें कि एक शनिवार को न्यूज़ नेशन को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, “शायद, मैंने पहली बार डिजिटल कैमरा का उपयोग किया, 1987-1988 में और उस समय काफी कम लोगों के पास ईमेल रहता था। मेरे यहां विरमगाम तहसील में आडवाणी जी की रैली थी, मैंने डिजिटल कैमरा पर उनकी फोटो खींच कर दिल्ली को ट्रांसमिट की”।
पीएम मोदी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर यहा दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी ने भारत में इंटरनेट और डिजिटल कैमरा आने से पहले ही इस्तेमाल कर डाला।
35 साल भीख मांगकर खाने वाले मोदी के पास डिजिटल कैमरा भी था और ईमेल सुविधा भी, कैसे?
इकॉनोमिस्ट रूपा सुब्रमण्या ने लिखा कि 1988 में पश्चिमी देशों में भी कुछ ही वैज्ञानिकों के पास ही ईमेल था, लेकिन पीएम मोदी ने 1988 में ही हिंदुस्तान में ईमेल का इस्तेमाल कर लिया था। जबकि बाकी देश के लिए 1995 में इसका इस्तेमाल लागू हुआ।
शाहिद अख्तर ने लिखा है कि पहला डिजिटल कैमरा 1990 में बिक्री के लिए सामने आया था। ये लोजिटेक फोटोमैन का ग्रे वर्ज़न था। लेकिन पीएम मोदी के पास ये 1988 में ही था। इसके अलावा तब उन्होंने इंटरनेट का भी इस्तेमाल कर लिया था, जबकि भारत में 14 अगस्त, 1995 में इंटरनेट आया था।