हिंदुस्तान का गोदी मीडिया या तो देश में गृह युद्ध करवा सकता है या इस देश से लोकतंत्र को खत्म करवा सकता है। क्योंकि देश के समाचार चैनल प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के इशारों पर चल रहे हैं और जैसा उन्हें बोला जा रहा है वो वैसे कार्यक्रम बनाकर जनता के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। ऐसा लगता है मानों पीएमओ भी बीजेपी के इशारे पर चल रहा है।

यही नहीं पीएमओ गोदी मीडिया को जैसा आदेश दे रहा है वो उसके इशारों पर दिन-रात बीजेपी का एजेंडा चला रहे हैं। इसका जीता जागता सबूत गुरुवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर देखने को मिला।

अमूनन सभी चैनलों और अखबारों के कार्यक्रम की ‘हेडलाइन’ अलग-अलग होती है। लेकिन सरदार पटेल की जयंती पर चैनलों में पटेल को बीजेपी का बताने में होड़ मची रही। आज तक, ज़ी न्यूज़, एबीपी न्यूज़, न्यूज़ 18, न्यूज़ 24 ने एक ही हेडिंग के साथ कार्यक्रम (एजेंडा) चलाया। इस कार्यक्रम का नाम है ‘पटेल भारत के या कांग्रेस के?’

यानी मीडिया ने एक साथ, एक सुर में पटेल को भारतीय जनता पार्टी का बताकर देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को विलेन साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। हालाँकि चैनल कांग्रेस को पहले से नीचा दिखाकर जनता को उसके खिलाफ माहौल खड़ा करता रहा है।

आज तक ने इस कार्यक्रम की हेडिंग दी ‘पटेल देश के या पार्टी विशेष के?’, ज़ी न्यूज़ ने लिखा ‘पहले सिर्फ गांधी परिवार अब याद आए सरदार?’, एबीपी न्यूज़ ने लिखा ‘लौह पुरुष भारत के या कांग्रेस के’, न्यूज़ 18 ने लिखा ‘पटेल देश के या कांग्रेस के’, न्यूज़ 24  ने लिखा ‘लौह पुरुष बीजेपी के या कांग्रेस के?’ ये कैसे मुमकिन है कि सभी प्रमुख टीवी चैनलों की हेडिंग एक जैसी लिखी गई? जबतक सभी चैनलों और पार्टी विशेष के बीच में तालमेल न हो।

जबकि, ये बात सभी को पता है और इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल कांग्रेस के नेता थे और पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार में देश के पहले गृह मंत्री बने। मगर आज सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की सरकार के इशारे पर मीडिया ने खुलेआम ये सबूत दे दिया कि भारत का मीडिया मोदी सरकार के इशारों पर काम करता है।

बता दें कि मोदी सरकार पर आरोप है कि वो प्रधानमंत्री कार्यालय से भारत की मीडिया को कंट्रोल कर रहा है। जिसके लिए बाकायदा ब्रॉडकास्टिंग मंत्रालय में मीडिया की मॉनिटरिंग होती है। यहां यह भी देखा जाता है कि सरकार की कितनी तारीफ हुई और विपक्षी पार्टियों और नेताओं की छवि कितनी धुमिल की गई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here