लोकसभा चुनाव 2019 के शुरू होते ही नेताओं के साथ में केंद्रीय जाँच एजेंसियाँ भी सक्रिय हो गईं हैं। सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स विपक्षी नेताओं के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापे मार रही हैं। इसपर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि सत्ता में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री हैं।

ऐसे में विपक्षी नेताओं और उनसे जुड़े लोगों पर छापे संदिग्ध होने के साथ में पानी की तरह साफ़ भी है। कि एक तरफ के नेताओं पर छापे और दूसरी तरफ के नेता साफ बच जा रहे हैं!

पिछले दिनों मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर आकर विभाग ने छापेमारी की, छापेमारी में करोड़ों की संपत्ति मिली भी। लेकिन ईडी, इनकम टैक्स की छापेमारी विपक्ष के नेताओं पर ही क्यों हो रही है? भाजपा नेताओं पर क्यों नहीं? काला धन उनके यहां भी हो सकता है।

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इन सभी छापेमारी पर समाजवादी पार्टी के नेता और प्रवक्ता सुनील सिंह यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि,”हार तय है तो मोदीजी ने सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स सबको अपने चुनाव अभियान में उतार दिया है। विपक्ष को प्रताड़ित किया जा रहा है और चुनाव आयोग भी धृतराष्ट्र की भूमिका में है।”

उन्होंने आगे कहा कि, “चुनाव आयोग एक भी बार नहीं पूछ रहा है कि मोदीजी के हेलीकॉप्टर पर जो बड़ा ट्रंक रखा गया था उसमें का ‘माल’ (पैसा) कहाँ पहुँचाया गया?”

बता दें कि, 13 अप्रैल को सोशल मीडिया पर एक वीडियो आया। जिसमें यह साफ़ देखा जा सकता है कि कर्नाटक के चित्रदुर्ग में चुनावी रैली करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर से एक संदिग्ध बॉक्स को उतारकर वहां खड़ी एक इनोवा में रखा गया, जो थोड़ी ही देर में ग़ायब हो गई। जबकि, बॉक्स सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा क्यों नहीं था? पीएम के काफिले का इनोवा हिस्सा क्यों नहीं था? किसकी कार में बॉक्स रखा गया?

गौरतलब है कि मंगलवार को डीएमके नेता कनिमोई के तूतीकोरीन स्थित घर पर भी केंद्रीय एजेंसी ने छापे मारे हैं। वहीं मायावती के करीबी नेतराम के यहाँ भी एजेंसियों ने छापे मारे हैं।

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