उन्नाव में चर्चित कंपोजिट ग्रांट घोटाले में निलंबित डीएम देवेंद्र पांडेय पर अब FIR होगी, क्योंकि इकोनामिक ऑफेंस विंग (EOW) की जांच में इन्हें दोषी पाया गया है।

इस खबर के सामने आने के बाद सपा नेता एवं उन्नाव से एमएलसी सुनील सिंह यादव ने सरकार पर निशाना साधा है।

अखबार में छपी खबर को शेयर करते हुए उन्होंने ट्विटर पर लिखा- ‘उन्नाव में हुए कम्पोजिट ग्रांट घोटाले को मैंने सड़क से सदन तक उठाया था और उसमें तत्कालीन डीएम सस्पेंड हुए थे। EOW की जांच में डीएम सहित अन्य अफसर दोषी पाए गए। सरकार इन्हें जेल भेज कर इनकी सम्पति से वसूली करे और इनके राजनीतिक आकाओं पर भी एक्शन ले।’

गौरतलब है कि पिछले साल समाजवादी पार्टी के नेता सुनील सिंह यादव ने ही तमाम खुलासे करते हुए दावा किया था कि उन्नाव में करोड़ों का घोटाला हुआ है। क्योंकि उनके दावे की मजबूती को प्रथम दृष्टया देखते हुए दोषी अधिकारी को निलंबित कर दिया गया और अब इकोनामिक ऑफेंस विंग की जांच में भी दोषी पाए जाने के बाद FIR की जा रही है, इसलिए भी उनके द्वारा किए जा रहे राजनैतिक हमले योगी सरकार के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं।

जानें- क्या था मामला

दरअसल उन्नाव की 2305 प्राइमरी स्कूलों और 832 जूनियर स्कूलों के लिए कुर्सी मेज, ब्लैक बोर्ड, स्टेशनरी और मिड डे मील के बर्तन जैसे आवश्यक सामान खरीदने थे। इसके लिए आवंटित राशि में लगभग 9.7 करोड रुपए की ग्रांट का घपला किया गया। जिसके बाद उठे सियासी तूफान को देखते हुए योगी सरकार बैकफुट पर आ गई और अपने ही अधिकारी पर कार्रवाई करने को मजबूर हुई।

क्योंकि निलंबित चल रहे आरोपी डीएम देवेंद्र पांडेय को इकोनामिक ऑफेंस विंग की जांच में दोषी पाया गया है, इसलिए भी सपा MLC की राजनैतिक बयानबाजी के तमाम मायने निकाले जा सकते हैं। क्योंकि विपक्षी दल के ये नेता पिछले साल भी आरोप लगाते रहे कि सत्ता में बैठे लोगों के संरक्षण के बिना इतने बड़े घोटाले को अंजाम नहीं दिया जा सकता है।

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