मोदी सरकार ने गुजरात में बनी सरदार वल्लभभाई पटेल की विशाल मूर्ति ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ को बनाने में 3,000 करोड़ रुपए लगा दिए। सरकार ने इसका जोर-शोर से खूब देश दुनिया में प्रचार किया।
लेकिन, सरकार ने स्टैचू ऑफ यूनिटी पर काम करने वाले कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं दिया है। मेहनत का पैसे नहीं मिलने से कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं।
स्टैचू ऑफ यूनिटी पर काम करने वाले कर्मचारी यूडीएस कंपनी के हैं। इस कंपनी को सरकार ने स्टैचू ऑफ यूनिटी का रखरखाव करने का ठेका दिया है। हालाँकि, ऐसा तभी हो सकता है जब सरकार ने ठेके पर काम करने वाली कंपनी को पैसे का भुगतान नहीं किया हो। तभी कर्मचारी तीन महीने से अपने वेतन का इंतज़ार कर रहे हैं।
सरदार पटेल मूर्ति स्थल पर काम करनेवाले कर्मचारियों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है। #StatueOfUnity https://t.co/a2V6uS6RbL
— Avinash Das (@avinashonly) March 13, 2019
बता दें कि, यहाँ काम करने वाले कर्मचारियों में सुरक्षा कर्मचारी, माली, क्लीनर, लिफ्ट मैन, टिकट चेकर और अन्य शामिल हैं। कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने उन्हें अपने परिवार का गुजारा करने में खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं यूडीएस कंपनी का विरोध करने पर 100 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निलंबित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि, स्टैचू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अक्टूबर 2018 को किया था। इस दौरान पीएम ने कहा था, “स्टैचू ऑफ यूनिटी इन सभी सवालों का उत्तर है जो भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं।
प्रतिमा की ऊंचाई युवाओं को यह याद दिलाने के लिए है कि देश का भविष्य इस तरह विशाल होगा।” पीएम के पास लच्छेदार भाषा तो है जिससे उन्होंने मीडिया के जरिए देश को भरमा लिया। लेकिन उनके पास उसी यूनिटी के लिए काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन देने भर के लिए भी पैसे नहीं हैं।