परीक्षाओं में हो रही धांधली के खिलाफ प्रदर्शन कर युवा आए दिन लाठी खा रहे हैं। लाठी खाते युवाओं की ताजा तस्वीर सामने आयी है देश के सबसे पिछड़े राज्य बिहार से।

दरअसल, RRB NTPC की परीक्षा के रिजल्ट में हुई कथित धांधली का विरोध करते हुए अभ्यार्थी पटना के राजेंद्र ट्रमिनल पर प्रदर्शन कर रहे थे। तभी सरकारी आदेश से लैस पुलिसिया लाठी अभ्यार्थियों पर बरसने लगीं। जो जहां भाग सकता था, भागा। पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर बुरी तरह पीटने के अपने हुनर का प्रदर्शन किया।

प्रशासन की दलील है कि प्रदर्शनकारियों ने रेलगाड़ियों के अवागमन को बाधित किया था। ऐसे में उन्हें पटरी से हटाने और रेलगाड़ियों के निर्बाध संचालन के लिए ‘बल प्रयोग’ करना पड़ा।

हालांकि विरोध प्रदर्शन के लिए रेल रोकने की प्रथा भारत में पुरानी है। अगर विरोध प्रदर्शन से सरकार और उसकी व्यवस्था बाधित ना हो तो सरकार पर प्रदर्शन का असर कैसे पड़ेगा। ख़ैर, पुलिस को ‘लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन के मायने’ विषय पर चर्चा करने में कोई रूचि नहीं होती है। उन्हें शासन का आदेशानुसार अभ्यार्थियों को पीट-पीटकर घायल कर दिया।

अब क्रिया की प्रतिक्रिया हो रही है। पुलिसिया कार्रवाई के बाद प्रदर्शन अधिक संगठित और बुलंद नजर आ रहा है। साथ ही मीडिया में भी सरकार की जमकर फजीहत हो रही है। इतने दिनों से जिन अभ्यार्थियों को मीडिया का भाव नहीं मिला रहा था, वो अब मौके का फायदा उठाते हुए अपनी बात पूरे ताकत से रख रहे हैं।

अभ्यार्थियों को ऐसी अजीब स्थिति में फंसा दिया गया है कि इतनी पिटाई के बाद भी वो अपने दर्द से ज्यादा अपने मुद्दों की बात कर रहे हैं। अपने रोजगार की मांग कर रहे हैं। शायद बेरोजगारी का दर्द पुलिसिया पिटाई के दर्द से अधिक पीड़ादायक है।

बता दें कि रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से नॉन टेक्नीकल पॉपुलर कैटेगरी (एनटीपीसी) भर्ती सीबीटी-1 परीक्षा के रिजल्ट 14 व 15 जनवरी, 2022 को जारी किए गए थे। परीक्षा में लगभग एक करोड़ से ज्यादा उम्मीदवार पंजीकृत हैं। इस परिणाम के आधार पर सीबीटी-2 यानी दूसरे चरण की परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाना है। उम्मीदवारों ने आरोप लगाया है कि आरआरबी एनटीपीसी परिणाम में धांधली हुई है।

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