उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी जिला एक बार फिर गलत वजहों से चर्चा में है। जिले के मितौली थाना क्षेत्र के गांव में एक 19 वर्षीय दलित लड़की का शव गन्ने के खेत में मिला है। बताया जा रहा है कि लड़की पड़ोस में हो रहे भागवत कथा को सुनने गई थी। देर रात लड़की के घर ना लौटने पर परिजनों ने तलाश शुरू की। अगली सुबह 24 जनवरी को लड़की का शव गन्ने की खेत में पाया गया।

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया है। गले पर चोट के निशान देखे गए हैं। हालांकि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर शिकायत दर्ज कर ली है।

चुनावी समर के बीच ऐसी घटनाएं बताती हैं कि प्रदेश में अपराधियों के भीतर प्रशासन का भय नहीं है। वैसे भी योगी सरकार में उत्तर प्रदेश महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्यों में से एक बन चुका है। या कहें नंबर-वन बन चुका है।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो-2020 के आंकड़े बताते है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध में यूपी नंबर-वन है। देशभर में सबसे ज्यादा यूपी की महिलाओं ने ही शोषण की शिकायतें दर्ज करायी हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के मुताबिक, देशभर से लगभग 31 हजार शिकायतें मिलीं। इसमें 15 हजार से ज्यादा सिर्फ यूपी की हैं।

इतना ही नहीं महिलाओं की हत्या के मामल में भी उत्तर प्रदेश नंबर-वन है। महिलाओं पर होने वाले एसिड अटैक के मामल में भी उत्तर प्रदेश नंबर-वन है। दहेज हत्या के मामल में भी उत्तर प्रदेश नंबर-वन है। महिलाओं को हत्या के लिए उकसाने के मामले में भी उत्तर प्रदेश नंबर-वन है। पति या रिश्तेदारों द्वारा महिलाओं के खिलाफ होने वाली क्रूरता के मामले में भी उत्तर प्रदेश नंबर-वन है।

महिलाओं के साथ होने वाले दुष्कर्म के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। इस मामले में भी बस कुछ ही अंकों से योगी शासित ये राज्य पीछे छूट गया है।

ये सभी तथ्य बताते हैं कि योगी राज में महिलाएं बेहद असुरक्षित हैं। बावजूद इसके भाजपा द्वारा महिला सुरक्षा के नाम पर पूरी बेशर्मी से वोट मांगा जा रहा है।

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