
सोमवार को यूपी के बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र भीड़ ने पुलिस इस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी। मामले की जांच जारी है। पुलिस ने अपने FIR में जिन 28 लोगों के नाम दर्ज किए हैं। इस लिस्ट में बजरंग दल के जिला अध्यक्ष योगेश राज का नाम सबसे उपर है।
इस बीच एक खबर ये भी आ रही है कि मारे गए पुलिस इंस्पेक्टर का लिंक दादरी में हुए अखलाक की मॉब लिंचिंग से भी था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह 2015 में बिसाहड़ा के बहुचर्चित मॉब लिंचिंग के शिकार अखलाक हत्याकांड की जांच कर रहें थे।
खुद अख़लाक़ के भाई जान मोहम्मद ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जिस वक्त उनके भाई के साथ मॉब लिंचिंग हुई थी उस समय सुबोध कुमार घटनास्थल पर पहुंचने वाले पहले पुलिसकर्मी थे।
Anand Kumar, ADG Law and Order: It is clarified that Subodh Kumar Singh(who died during #Bulandshahr violence) was the Investigating officer of Akhlaq lynching case,Dadri from 28th Sept 2015 till 9th Nov 2015. Charge sheet was filled in the case by a different IO in March 2016.
— ANI UP (@ANINewsUP) December 3, 2018
दादरी में भीड़ का शिकार हुए अखलाक हत्या के मामले की जांच कर रहें सुबोध कुमार सिंह को कहां पता था की जिस भीड़ ने अखलाक की जान ली वहीं भीड़ उन्हें भी मौत के घाट उतार देगी। अखलाक के भाई ने बताया कि सुबोध कुमार ही अपनी जीप में घायल अखलाक को अस्पताल लेकर गए थे और वो इस केस में पहले जांच अधिकारी थे।
अब सवाल उठता है कि क्या अखलाक लिंचिंग केस में जांच अधिकारी होने की वजह से उन्हें हिंदुवादी संगठनों ने उन्हें निशाना बनाया?
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बता दें कि सोमवार को बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र भीड़ ने पुलिस इस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई। दरअसल 3 दिसंबर को गांव में कथित गोवंश के अवशेष मिलने से ग्रामीण और हिंदुत्ववादी संगठन के लोग भड़क गए।
बताया जा रहा है कि गुस्साए लोग पहले घटनास्थल से कटे अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंच गए। वहां उन्होंने जमकर हंगामा किया। पुलिस ने जब इन प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो यह पुलिस पर ही टूट पड़े।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कोतवाल सुबोध कुमार को बेरहमी से पीटा और चौकी को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों की इस पिटाई से कुमार बुरी तरह घायल हो गए। इसके बाद कुमार को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
मंगलवार सुबह सुबोध कुमार सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव एटा जिले के जैथरा गांव के तरिगमा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।