शहीद हेमंत करकरे पर बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के अपमानजनक बयान की जहां चौतरफा आलोचना हो रही है, वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी उनके बचाव में उतर आए हैं।

सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर के ज़रिए कहा कि करकरे ड्यूटी के दौरान मारे गए इसलिए वह शहीद हैं। लेकिन ये साध्वी प्रज्ञा को उनके अधिकारों से वंचित नहीं करता। उन्हें शारिरिक उत्पीड़न के ख़िलाफ ग़ुस्सा ज़ाहिर करने का हक़ है।

इसके साथ ही स्‍वामी ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी को जबरन फंसाया गया था। उन्होंने कहा कि पहली एफआईआर में मुसलमानों का नाम दर्ज था। लेकिन बाद में एफआईआर को बदलकर साध्‍वी प्रज्ञा को फंसाया गया। उन्होंने कहा कि अब जब कोर्ट से उन्‍हें राहत मिल गई है तो विपक्षी दल बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

साध्वी प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर उठ रहे सवालों के जवाब में स्वामी ने कहा कि यह कहीं नहीं लिखा कि अगर आप आरोपी हों या आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो आप चुनाव नहीं लड़ सकते। इस लिहाज से तो सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पी. चिदंबरम सभी जमानत पर बाहर हैं तो वे क्‍यों चुनाव लड़ रहे हैं।

बता दें कि साध्वी प्रज्ञा ने भोपाल में कहा था कि उन्हें (हेमंत करकरे) उनके कर्मों की सजा मिली है, क्योंकि उन्होंने मुझे गलत तरीके से फंसाया था। साध्वी ने कहा था, “मैंने उसे कहा था तेरा सर्वनाश होगा, उसने मुझे गालियां दी थीं। जिस दिन मैं गई तो उसके यहां सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हुआ”।

साध्वी प्रज्ञा को भारतीय जनता पार्टी ने भोपाल से मैदान में उतारा है। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस नेता दिग्‍व‍िजय सिंह से है। हालांकि आतंकवाद के केस में आरोपी साध्वी प्रज्ञा को टिकट दिए जाने पर ऐतराज़ जताया जा रहा है। विरोधी दल के नेता और मालेगांव ब्लास्ट के पीड़ित परिवार साध्वी की उम्मीदवारी रद्द किए जाने की अपील कर रहे हैं।

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस की मुख्य आरोपी रही हैं। वह इस केस में 9 सालों तक जेल में भी रही हैं। फिलहाल वो जमानत पर हैं। इस धमाके में 7 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 80 लोग जख्मी हुए थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here