पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ़्तारी के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि, “प्रशांत कनौजिया को क्यों गिरफ्तार किया गया? उसकी गलती क्या थी? भले ही उसे इस तरह का ट्वीट नहीं करना चाहिए था लेकिन गिरफ्तारी का आधार क्या है? लोगों के ओपिनियन अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन इस आधार पर उन्हें गिरफ्तार तो नहीं किया जा सकता है!”
अब पत्रकारों पर शिकंजा कसने की योगी सरकार की चाल उल्टी पड़ गई है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के वकील से पूछा कि पत्रकार को जेल में क्यों रखा गया है? क्या पत्रकार ने कोई मर्डर किया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया है कि प्रशांत कनौजिया को रिहा किया जाए। दरअसल सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इसलिए भी ऐतिहासिक है कि हम एक ऐसे दौर में जी रहे हैं जब सरकारें मीडिया का मुंह बंद करना चाहती हैं। इस मामले पर सपा नेता सुनील सिंह यादव ने ट्वीट करते हुए इसे योगी सरकार के मुँह पर तमाचा जैसा बताया है।
SC ने UP पुलिस को लगाई फटकार, कहा- क्या पत्रकार ने मर्डर किया है जो उसे जेल में रखा गया, रिहा करो
उन्होंने लिखा है कि, “पत्रकार प्रशांत कनौजिया की तुरंत रिहाई का आदेश योगी सरकार के मुँह पर करारा तमाचा है। अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए योगी सरकार मीडिया को धमकाने, उत्पीड़न करने के तालिबानी रवैए पर उतार आई है। सुप्रीम कोर्ट को जनता का विश्वास और मजबूत करने के लिए आभार।”
पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया की तुरंत रिहाई का आदेश योगी सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है। अपनी असफलताओं को छुपाने के लिये योगी सरकार मीडिया को धमकाने, उत्पीड़न करने के तालिबानी रवैये पर उतर आई है। सुप्रीम कोर्ट को जनता का विश्वास और मजबूत करने के लिये आभार!
— Sunil Singh Yadav (@sunilyadv_unnao) June 11, 2019
ये फैसला इसलिए भी ये फैसला ऐतिहासिक है कि मामला सोशल मीडिया से जुड़ा था और सोशल मीडिया पर ही अभिव्यक्ति की दमदार आवाज आ पा रही हैं। अगर सोशल मीडिया पर भी सरकार का इसी तरह शिकंजा कस गया तो लोग दहशत में जीने लगेंगे।
बता दें कि प्रशांत की गिरफ़्तारी के विरोध बसपा सुप्रीमो मायावती से लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी तक ने योगी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया था। अब जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे ही दिया है योगी सरकार के लिए ये एक बड़ा झटका ज़रूर है।