फेक न्यूज फैलाने के लिए कुख्यात सुदर्शन न्यूज ने एक बार फिर दंगा भड़काने की कोशिश की है। सुदर्शन न्यूज के एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाणके ने बुलंदशहर हत्याकांड मामले पर ट्वीट किया है कि…

‘बुलंदशहर इज्तेमा के बवाल के बाद कई स्कूलों में बच्चे फँसे है, रो रहे है, लोग जंगल में है, घरों के दरवाज़े बंद कर के लोग सहमे हूए है- सुदर्शन से लाईव बातचीत में स्थानीय लोग, सुदर्शन टीवी पर लाईव।’

सुरेश चव्हाणके का ये ट्वीट 100 प्रतिशत फर्जी है। खुद बुलंदशहर पुलिस ने इस ट्वीट के लिए चव्हाणके को फटकार लगायी है। बुलंदशहर पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से चव्हाणके के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा है…

‘कृपया भ्रामक खबर न फैलाएं। इस घटना का इज्तिमा कार्यक्रम से कोई संबंध नही है। इज्तिमा सकुशल सम्पन्न समाप्त हुआ है। उपरोक्त घटना इज्तिमा स्थल से 45-50 किमी थाना स्याना क्षेत्र मे घटित हुई है जिसमे कुछ उपद्रवियो द्वारा घटना कारित की गयी है। इस संबंध मे वैधानिक कार्यवाही की जा रही है’

इतने संवेदनशील मामले पर चव्हाणके का ऐसा भड़काऊ ट्वीट उनकी दंगाई मानसिकता को दर्शाता है। सुरेश चव्हाणके बता रहे हैं कि इज्तिमा में घटना घटी है। लेकिन पुलिस का साफ कहना है कि घटना का इज्तिमा से कोई लेना देना नहीं है। घटना इज्तिमा स्थल से 45-50 किलोमीटर दूर हुई है।

बुलंदशहरः हत्यारी भीड़ ने पुलिस को निगला, गोकशी से गुस्साए लोगों ने की इंस्पेक्टर की हत्या !

बता दें कि बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र में कथित गोवंश के अवशेष मिलने पर ग्रामीण और हिंदुत्ववादी संगठन के लोग भड़क उठे।

बताया जा रहा है कि गुस्साए लोग पहले घटनास्थल से कटे अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंच गए। वहां उन्होंने जमकर हंगामा किया। पुलिस ने जब इन प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो यह पुलिस पर ही टूट पड़े।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कोतवाल सुबोध कुमार को बेरहमी से पीटा और चौकी को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों की इस पिटाई से कुमार बुरी तरह घायल हो गए। इसके बाद कुमार को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।

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