किसानों के समर्थन में अब संत समाज भी आता दिखाई दे रहा है। शंकराचार्य जी के प्रतिनिधि शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने किसानों का समर्थन करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला है।

उन्होंने कहा कि किसानों के साथ अत्याचार करने वालों को प्रभु राम का नाम लेने का अधिकार नहीं है।

किसान आंदोलन के मुद्दे पर मीडिया से बातचीत के दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “क्या राम का नाम सिर्फ चुनाव में लेना चाहिए, क्या राम का नाम चुनाव के लिए बना हुआ है?

राम का नाम लेना है तो दरवाज़े पर जो पहली फरियाद हो उसको सुनना होगा। 70 दिनों से किसान ठंड में ठिठुर रहे हैं।

पूरा हाड़ कंपा देने वाली सर्दी का मौसम निकल कर चला गया। सरकार उनकी बात नहीं सुनती और राम का नाम लेती है”।

उन्होंने आगे कहा, “इन लोगों को जय श्री राम का नारा लगाने का हक़ नहीं। ये हक़ उसको है जो पहली फरियाद पर महल से बाहर आकर सड़क पर सुनवाई करे”।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उदाहरण देते हुए कहा कि एक बार जब राम के पास कुत्ता फरियाद लेकर आया तो उसकी बात को सुनने के लिए प्रभु राम महल से बाहर निकलकर आए थे।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा, “आज लाखों किसान मर रहे हैं। उनकी क्या हालत है। आपने उनके लिए लोहे की कीले सड़कों में धंसा कर रखी हैं और आप जय श्री राम का नारा लगा रहे हो।

थू है ऐसे मुंह पर जो राम का नाम राजनीति के लिए इस्तेमाल कर रहा है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों राजनीति के लिए राम के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं”।

बता दें कि मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर तकरीबन ढ़ाई महीने से धरने पर बैठे हैं। इस दौरान तकरीबन 150 किसानों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लापता हो गए हैं।

किसानों की मांग है कि सरकार नए कानूनों को वापस ले, लेकिन सरकार किसानों की मांग सुनने को तैयार नहीं है। सरकार किसानों के धरने को ख़त्म करने के लिए इस दौरान कई बार बल का प्रयोग भी कर चुकी है।

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