लोकसभा नतीजे आ चुके हैं और देश की जनता ने दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की सत्ता प्रचंड बहुमत के साथ सौंप दी है। ब्रिटिश अखबार द गार्डियन ने मोदी पर लिखे संपादकीय में मोदी सरकार की आलोचना की।

अखबार ने लिखा कि मोदी के आने से एक कार्यशील बहुदलीय लोकतंत्र को खतरा पहुंचा है। इस लेख मे मोदी का उल्लेख विभाजनकारी व्यक्ति के तौर पर किया गया जो कि एक करिश्माई प्रचारक है जिन्हे भयानक प्रभाव वाले झूठे दावों और पक्षपातपूर्ण तथ्यों के साथ तैनात किया गया। कांग्रेस को इस विशाल जीत का हल खोजना चाहिए।

संपादकीय में कहा गया है कि मोदी हिन्दू राष्ट्रवाद आंदोलन का हिस्सा हैं। ये आंदोलन देश को बर्बादी की ओर ले जा रहा है। इस लेख मे भारतीय मुसलमानों को ‘राजनीतिक अनाथ’ बताया गया।

संसद में उनकी घटती हुई सीट की हिस्सेदारी पर सवाल खड़े किए और कैसे हिंदुत्व उन्हें द्वितीय श्रेणी के नागरिक के रूप में देखता है। सत्ताधारी पार्टी पर टिपण्णी करते हुए कहा गया कि बीजेपी को जाति और संप्रदाय का चोला भाता है।

इस बीच विपक्ष को मज़बूत होना पड़ेगा। विपक्ष को एक समतावादी मंच पर विशिष्ट अभियान चलाने की जरूरत है और पहचान- आधारित झगड़ों से रुख मोड़कर सबकी भलाई के लिए आगे बढ़ना होगा।

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