भारत के पहले केंद्रीय गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की याद में बनवाई गई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी अब ग़रीब आदिवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। आदिवासियों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार पर्यटन परियोजनाओं के लिए ‘उनकी पैतृक ज़मीन जो कि प्रतिमा के आसपास है, उसे छीन’ रही है।

आदिवासियों की आवाज़ उठाने वाले एक संगठन के कार्यकर्ता प्रवीण सिंह जडेजा ने कहा कि भूमि अधिग्रहण पर रोक के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद आदिवासियों को जबरन बेदखल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आदिवासी स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के खिलाफ नहीं हैं लेकिन पर्यटन के नाम पर अवैध भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। अगर सरकार आदिवासियों की जमीन अधिग्रहण करना चाहती है तो उसे नौकरी जरूर देनी चाहिए।

बताया जा रहा है कि स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के पास परियोजना से नवगाम, केवडिया, गोरा, लिंबडी, वागडिया और कोठी के 8,000 लोग प्रभावित हुए हैं। सरकार ने इन आदिवासियों की ज़मीनों पर अधिग्रहण के समय इन्हें नौकरियां प्रदान करने या वैकल्पिक जमीन मुहैया कराने का वादा किया था। लेकिन आदिवासियों का आरोप है कि सरकार ने अपना वादा पूरी नबहीं किया।

एक ग्रामीण रामकृष्ण तडवी ने बताया कि अधिकारियों ने उनके खेत में खड़ी फसल पर बुल्डोजर चला दिया जबकि, केवडिया गांव की शकुंतला तडवी ने कहा कि सरकार के आश्वासन के बावजूद उनके बेटों को नौकरी नहीं मिली।

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश मेहता ने भी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य में भाजपा सरकार परियोजना से प्रभावित लोगों को मुआवज़ा देने के वादे से पलट गई है।

हालांकि सरकार ने आदिवासियों के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। आदिवासी कल्याण मंत्री गणपत वसावा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने छह गांवों में मुआवजे के तौर पर प्रति हेक्टेयर 7.50 लाख रुपये का भुगतान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने जमीन अधिग्रहण के समय सारे नियमों का पालन किया। हम प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति को निशुल्क 300 वर्ग मीटर का रिहाइशी भूखंड भी देंगे। प्रत्येक परिवार के वयस्क बेटे को स्वरोजगार के लिए पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।’’

बता दें कि इस समय स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की लंबाई कुल 182 मीटर है। यह अब तक की सबसे ऊंची प्रतिमा है। सरकार की ओर से यह स्टैच्यू सरदार पटेल की याद में बनवाया गया है। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की 143वीं जयंती के मौके पर  31 अक्टूबर, 2018 को किया था।

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