अभी तक अपराधी सबूत मिटाते थे लेकिन अब पुलिस हुडदंगई करके सबूत मिटा रही है। बीते शुक्रवार उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों में कुल 16 मौतें हुई। यूपी पुलिस ने दावा किया कि उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की और गोलियां चलाईं। डीजीपी ओपी सिंह ने भी पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलने से इनकार किया।
शुक्रवार को पुलिस ने तोड़फोड़ की और ये सब सीसीटीवी कैमरे में कैद न हो इसीलिए पुलिस ने शहर के कई सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में यूपी पुलिस साफ़ देखी जा सकती है कि वो गाड़ियों को लाठी मारकर तोड़ रहे हैं।
हामिद हसन नाम के शख्स अपने बिखरे घर में टूटी पड़े सामानों को दिखाकर रोने लगे। उन्होंने बताया कि, शुक्रवार देर रात पुलिस ने उनके घर में तोड़फोड़ की और घरवालों को पीटा।
हामिद हसन ने कहा कि पुलिस दीवार फांदकर आई। मैं 72 साल का हूं, मुझे भी पीटा, देखो मेरा पैर सूजा हुआ है। परिवार का कहना है कि घर की एक महिला रुक्कैया को पुलिस ने सर पर लाठी मारी। रुक्कैया के सर में 6 टांके आए हैं। खुद रुक्कैया ने बताया, मेरे सर पर पुलिस ने मारा है। पूरा घर तोड़ दिया।
ये कहानी सिर्फ हामिद हसन की नहीं है बल्कि मोहल्ले के दर्जनों घरों की है। मुज्जफरनगर के इस इलाके के लोगों का आरोप है कि पुलिस ने शुक्रवार रात घरों में घुसकर तोड़फोड़ की। पुलिस की इस गुंडागर्दी से इलाके के लोग डरे हुए हैं।
यह कितना गंभीर सवाल है की जब पुलिस वाले ही गुंडे बन जाएं, लोगों के घरों में घुसकर लोगों को मारने लगें, सामान तोड़ने लगें, सीसीटीवी कैमरे तोड़ने लगें तो फिर जनता किसके पास गुहार लगाने जाएगी। जनता किससे न्याय की उम्मीद करेगी? लेकिन यूपी की योगी पुलिस उग्र है वो वीडियो में साफ़ तौर पर सीसीटीवी कैमरे तोडती देखी जा सकती है।
साभार- एनडीटीवी