अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में मंगलवार को हुए बवाल के बाद पुलिस ने 14 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसमें छात्रों के ख़िलाफ राजद्रोह की धारा भी लगाई गई है। पुलिस छात्रों को गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है।
पुलिस ने यह एफआईआर बीजेपी युवा मोर्चा के नेता अजय सिंह और रिपब्लिक टीवी की रिपोर्टर नलिनी शर्मा की तहरीर पर दर्ज की है। छात्रों पर आरोप है कि इन लोगों ने परिसर में घूम-घूमकर राष्ट्र विरोधी नारे लगाए। इसके साथ ही छात्रों पर पाकिस्तान के समर्थन में भी नारेबाजी करने के आरोप लगे हैं।
जिन छात्रों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है उनमें AMU छात्रसंघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज, सचिव हुजैफा आमिर, उपाध्यक्ष हमजा सूफियान और पूर्व छात्रसंघ सचिव नदीम अंसारी का नाम शामिल है।
बता दें कि AMU छात्रसंघ ने मंगलवार को परिसर में कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की बैठक बुलाई थी। इस कार्यक्रम में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ़ असदुद्दीन ओवैसी को भी आमंत्रित किया गया था। ओवैसी के कार्यक्रम का बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ता अजय सिंह के नेतृत्व में विरोध कर रहे थे।
इसी विरोध के चलते एएमयू छात्र संगठन और बीजेपी युवा मोर्चा के लोगों के बीच झड़प हो गई। इस झड़प में कथित तौर पर दोनों तरफ़ से मारपीट और फायरिंग भी हुई। इसी दौरान कथित तौर पर छात्रों द्वारा रिपब्लिक टीवी की रिपोर्टर नलिनी शर्मा के साथ भी बदसलूकी की गई।
हालांकि इस मामले में दोनों ही ओर से थाने में तहरीर दी गई। AMU प्रशासन और छात्रसंघ की ओर से दी गई तहरीर में कहा गया है कि अजय सिंह के नेतृत्व में बिना अनुमति कई लोग रजिस्ट्रार आफिस के सामने धरने पर बैठे और इस दौरान इन लोगों ने परिसर में हिंसा की। तहरीर में अजय सिंह के गुट द्वारा फायरिंग किए जाने का भी ज़िक्र है।
लेकिन पुलिस ने एएमयू प्रशासन और छात्रों की इस तहरीर को नज़रअंदाज़ कर दिया और बीजेपी युवा मोर्चा एवं रिपब्लिक टीवी की रिपोर्टर की तहरीर पर कार्रवाई करते हुए छात्रों के खिलाफ़ राजद्रोह का मुक़दमा दर्ज कर लिया।
एसपी अलीगढ़ ने बताया कि एएमयू में माहौल बिगाड़ने वाले कई छात्रों को चिह्नित किया गया है। इन छात्रों पर पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं, इनको गिरफ्तार करने के लिए कोर्ट से गैर जमानती वॉरंट निकलवाया जा रहा है।
छात्रों के ख़िलाफ़ पुलिस की इस कार्रवाई की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है। पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने इसपर ऐतराज़ जताते हुए ट्विटर के ज़रिए कहा, “एएमयू के छात्रों पर एक टीवी क्रू के साथ तकरार के लिए राजद्रोह की धारा लगाना अपराध की प्रकृति के लिए काफी असंगत है”।
उन्होंने कहा, “यह एक विशेष पृष्ठभूमि के छात्रों के खिलाफ पूर्वाग्रह का एक स्पष्ट मामला है। सिविल सोसाइटी को छात्रों के लिए खड़ा होना चाहिए और एफआईआर को रद्द करवाना चाहिए”।
Sedition charges against AMU Students for an altercation with a TV Crew are grossly disproportionate to the nature of offense.
It is a clearcut case of bias against students from a particular background.
Civil society must stand up for the students and get the FIR quashed.
— Shah Faesal (@shahfaesal) February 13, 2019