
बुलंदशहर हिंसा को लकर सूबे की योगी सरकार विपक्षियों के निशाने पर है। हिंसा के दौरान भीड़ द्वारा की गई इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या को विपक्ष सूब की लचर कानून व्यवस्था का नतीजा बता रहा है।
ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में सफाई देते हुए इसे भीड़ की हिंसा यानी मॉब लिंचिंग मानने से ही इनकार कर दिया है।
शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित दैनिक जागरण के कार्यक्रम जागरण फोरम में सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोई मॉब लिंचिंग नहीं हुई, बुलंदशहर की घटना महज़ एक दुर्घटना है।
सीएम योगी ने यह बात उस सवाल के जवाब में कही जिसमें उनसे पूछा गया कि भीड़ की हिंसा को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार क्या कदम उठाने जा रही है?
सीएम योगी ने इस सवाल को सिरे से ही खारिज कर दिया और कहा कि सूबे में कोई मॉब लिंचिंग की घटना नहीं हुई। उनके मुताबिक सूबे में मॉब लिंचिंग जैसी कोई समस्या ही नहीं।
जब CM योगी हैदराबाद जाकर ‘अली-बजरंगबली’ खेलेंगे, तो प्रदेश में उनके गुंडे ‘दंगा-दंगा’ ही खेलेंगे ना
सीएम योगी ने भले ही सवालों से बचने के लिए समस्या का ही इनकार कर दिया हो, लेकिन बुलंदशहर हिंसा की हक़ीक़त को सभी जानते हैं, इसलिए वह इस तरह के बयान देकर अपनी ज़िम्मेदारियों से बच नहीं सकते।
सीएम योगी के इस बयान पर पत्रकार विनोद कापड़ी ने तंज़ कसा है। उन्होंने ट्वीटर के ज़रिए कहा, “हत्या भी दुर्घटना हो सकती है। ये ज्ञान कोई संत महात्मा योगी ही दे सकता है”।
हत्या भी दुर्घटना हो सकती है।ये ज्ञान कोई संत महात्मा योगी ही दे सकता है। pic.twitter.com/9gUBzSUi8d
— Vinod Kapri (@vinodkapri) December 8, 2018
बता दें कि, बुलंदशहर में सोमवार यानी 3 दिसंबर को गोकशी की अफवाह के बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया था। गाय के अवशेष मिलने की खबर पाते ही आस-पास के गांव वाले और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए थे।
जिसके बाद सभी ट्रैक्टर पर अवशेषों को लादकर सड़क जाम करने पहुंच गए थे। लेकिन पुलिस ने ऐसा करने से रोक दिया था। इसके बाद भीड़ पुलिस पर टूट पड़ी थी। इस दौरान भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली मारकर बेरहमी से हत्या कर दी थी और पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था।
हिंसा के बाद पुलिस ने इस मामले में 27 लोगों के नाम FIR दर्ज की। मामले में अभी तक चार गिरफ्तारियां हुई हैं। इस घटना का मुख्य आरोपी बजरंग दल का संयोजक योगेश राज है। जिसे पुलिस अभी तक पकड़ने में नाकाम रही है। पुलिस और प्रशासन पर उसे बचाने के आरोप भी लग रहे हैं।