मोदी सरकार के शासनकाल में देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। जीडीपी में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी गिरकर 4.5 फीसदी पर पहुंच गई है।
जीडीपी के इन आंकड़ो पर देश के कई अर्थशास्त्रियों ने चिंता जताते हुए इसे बड़ी समस्या बताया है। लेकिन सत्तारूढ़ बीजेपी जीडीपी के इन नाकारात्मक आंकड़ों को देखते हुए इसे ग़ैरज़रूरी बताने में जुट गई है। बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे का कहना है कि जीडीपी का कोई इतना महत्व नहीं है, जिसके गिरने पर चिंता जताई जाए।
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निशिकांत दुबे के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पुराना वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है। जिसमें वह जीडीपी के गिरने पर तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार को घेरते नज़र आ रहे हैं। वायरल हो रहे इस वीडियो में पीएम मोदी को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि जीडीपी का गिरना देश के लिए बेहद ख़तरनाक है।
इस वीडियो में पीएम मोदी मीडिया से बात करते नज़र आ रहे हैं और मनमोहन सरकार को घेरते हुए कह रहे हैं, “देश के विकास दर का जो आंकड़ा आया है वह बहुत चिंताजनक है। प्रधानमंत्री दो तीन महीने पहले प्रवासी भारतीय दिवस में जयपुर आए थे और उन्होंने डंके की चोट पर कहा था कि 7 फीसदी विकास दर होगा”।
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पीएम मोदी आगे कहते हैं, “अभी मार्च महीने में उन्होंने यही बात राज्यसभा में भी कही थी। यानी मार्च महीने तक सरकार को ये अनुमान भी नहीं था कि क्या हालत होने वाली है। और जब कल पता चला कि जीडीपी इतना नीचे गिर गई। तीन चीज़े बेहद चिंताजनक हैं। एक विकास दर का इस प्रकार से नीचे गिरना। दूसरा रुपये का तेज़ी से कमज़ोर होना और तीसरा इन्फ्लेशन तेज़ी से बढ़ना”।
इनकी भी सुन लीजिए 2 मिनट समय निकालकर! वैसे यही ज्ञान जरा निशिकांत दुबे को दिया जाए, जो कहते हैं GDP का कोई महत्व नहीं देश में..@yadavtejashwi @rjdforindia @OfficialAaKu @manojkjhadu @sanjuydv @realhistorypic pic.twitter.com/6ojR3gY4Xj
— I Support Tejashwi (@TeamTejashwi) December 3, 2019
पीएम मोदी के इस बयान से ये तो साबित हो गया कि वह जीडीपी के गिरने को देश के लिए कितना ख़तरनाक मानते हैं। लेकिन हैरानी इस बात की है कि वह अपने सांसद द्वारा जीडीपी पर दिए बयान पर कुछ बोल क्यों नहीं रहे। वह सार्वजनिक मंच पर आकर लोगों को अब क्यों नहीं बता रहे कि जीडीपी का गिरना देश के लिए खतरनाक है और उनके सांसद का बयान बेतुका है।
वह सामने आकर लोगों को क्यों नहीं बता रहे कि जीडीपी गिर रही है, जो देश के लिए चिंताजनक स्थिति है। वह अपने बयान से लोगों में क्यों भरोसा नहीं जगा रहे कि इस चिंताजनक स्थिति से निपटने के लिए सरकार ज़रूरी कदम उठाएगी। उन्हें लोगों को बताना चाहिए कि जीडीपी को ग़ैरज़रूरी बता देने भर से इसका महत्व कम नहीं होने वाला।
आइये जानते हैं जीडीपी क्या है और इसके गिरने-उठने के क्या मायने हैं?
जीडीपी सकल घरेलू उत्पाद को कहते हैं। सकल का मतलब सभी। घरेलू के यहां मायने देश है। उत्पाद का मतलब प्रोडक्शन है। देश में हो रहे कुल प्रोडक्शन को ही जीडीपी कहते हैं। खेतों और फैक्ट्रियों से होने वाले प्रोडक्शन के साथ ही इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और कंप्यूटर जैसी अलग-अलग सेवाओं यानी सर्विस सेक्टर को भी शामिल किया जाता है।
इस तरह प्रोडक्शन और सर्विस सेक्टर के विकास या गिरावट का जो आंकड़ा होता है, उसे जीडीपी कहते हैं। अब चूंकि जीडीपी के आंकड़े में गिरावट है तो ये मानना होगा कि प्रोडक्शन और सर्विस सेक्टर में गिरावट आई है। जो सीधे तौर पर मंदी के संकेत हैं।
By: Asif Raza