सोमवार को BJP ने अपना चुनावी घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) जारी कर दिया। घोषणा जारी करते समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि, “हमारे मन में साफ़ है वन मिशन, वन डायरेक्शन।” सरकार की सबसे बड़ी कसौटी यह नहीं कि क्या दिया, बल्कि कसौटी यह होती है कि अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा या नहीं? हम आजादी के 75 साल में 75 लक्ष्य लेकर चले हैं।

लेकिन, क्या मोदी सरकार ने जो वादे 2014 में देश से किए थे वो पूरे हुए! या नहीं? अगर नहीं हुए तो क्या ‘मीडिया’ ने सरकार को लेकर इसकी आलोचना की या सरकार को उसके काम करने के तरीके पर घेरा? ये सवाल बड़ा है जिसे देश की जनता को जानना जरुरी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 के चुनाव में गंगा सफाई, सालाना दो करोड़ रोजगार, 100 स्मार्ट सिटी, किसानों की आय दोगुनी, अच्छे दिन जैसे अनेक वादे किए थे। जब गंगा सफाई को लेकर तमाम रिपोर्ट्स आ चुकी हैं कि गंगा पहले के मुकाबले और भी गंदी हुई है, रोजगार को लेकर रिपोर्ट के साथ-साथ समूचा विपक्ष मोदी सरकार पर आरोप लगता है कि रोजगार 45 साल के न्यूनतम स्तर पर है।

100 स्मार्ट सिटी की हकीकत किसी से छिपी नहीं है। किसान जा जाने कितनी बार दिल्ली-मुंबई में अपनी मांगों को लेकर दस्तक दे चुके हैं। मगर मोदी सरकार ने किसानों की बात सुनने की बजाय उनपर आंसू गैस के गोले दागती है! ऐसा ही स्वस्छ भारत अभियान, उज्जवल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना क्या धरातल पर उतर पाए हैं?

ये सभी सवाल हैं जो मीडिया को देश की गरीब जनता के लिए पूछना चाहिए। अगर मीडिया ने सरकार से सवाल नहीं पूछा है तो यानि बीजेपी की मोदी सरकार ने ये सभी वादे पूरे कर लिए हैं!! ये सवाल देश की हरेक व्यक्ति को पूछना चाहिए।

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