हाथरस गैंगरेप पीड़िता ने कल दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में आखरी सांसे ली। देशभर में इस घटना के बाद पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। इसी बीच दिल्ली से हाथरस पहुंचे पीड़िता के शव का यूपी पुलिस द्वारा रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया।

पुलिस द्वारा की गई इस शर्मनाक हरकत के बाद हाथरस गांव के लोगों ने भारी हंगामा किया। पीड़िता के परिवार का आरोप है कि पुलिस ने सबूतों को मिटाने के लिए आनन-फानन में पीड़िता की लाश का रातो रात अंतिम संस्कार कर दिया।

इस पूरे मामले को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और BJP नेता स्मृति ईरानी विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं।

दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि हाथरस घटना पर उनकी पीएम मोदी से बातचीत हुई है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने की बात कही है।

लेकिन सोशल मीडिया पर पीएम मोदी ने इस घटना को लेकर एक ट्वीट तक नहीं किया है। न ही इस पर पीएम मोदी का कोई बयान आया है।

आपको बता दें कि साल 2012 में दिल्ली के निर्भया कांड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जाहिर किया था। उस वक़्त पीएम मोदी गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे। तब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।

इस मामले में सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं। जिसमें से एक पीएम मोदी द्वारा साल 2012 के निर्भया कांड पर किए गए ट्वीट की है और दूसरी हाथरस घटना पर किए ट्वीट की। जिसमें कुछ नहीं लिखा है। इस ट्वीट से पीएम मोदी की दोगली राजनीति साफ़ झलक रही है।

इस पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा- आज कहाँ हैं स्मृति ईरानी? साँप क्यों सूंघ गया है? आज एक बच्ची के हक़ की लड़ाई लड़ना तो दूर आप तो महिला और बल विकास मंत्री भी हैं। ग़लत के ख़िलाफ़ ना बोलना अपराध है या सत्ता के सुख ने आँखों पर पट्टी बांध दी है?

जहाँ हाथरस घटना पर सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोग पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए सामने आ रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री और स्मृति ईरानी की चुप्पी शर्मनाक कृत्य है। आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग भी उठने लगी है।

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