गुजरात के पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट ने 7 जनवरी को हुई दुर्घटना पर संदेह व्यक्त किया है। बता दें कि 7 जनवरी को श्वेता की गाड़ी को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी।
दुर्घटना के वक्त गाड़ी में श्वेता अपने बेटे के साथ थीं। हालांकि इस दुर्घटना में श्वेता और उनके बेटे को गंभीर चोटें नहीं आई थीं।
पूर्व आईपीएस की पत्नी ने दुर्घटना की टाइमिंग पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह दुर्घटना गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले हुई।
दरअसल, गुजरात हाई कोर्ट में 22 साल पुराने एक भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई चल रही है, जिसमें पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट आरोपी हैं। इसी मामले में भट्ट 5 सितंबर से जेल में हैं।
श्वेता ने इस दुर्घटना की जानकारी फेसबुक पर दी है। उन्होंने बताया कि जिस ट्रक ने उनकी गाड़ी को टक्कर मारी उसपर नंबर प्लेट नहीं थी।
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श्वेता ने इस दुर्घटना पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि ट्रक ने सिर्फ टक्कर ही नहीं मारी बल्कि काफी दूर तक उनकी गाड़ी को घसीटा भी। जिससे शक पैदा होता है।
उन्होंने फेसबुक पर लिखा, “अगर इस घटना का मक़सद हमें डराना या संजीव भट्ट को तोड़ देना था तो मैं यह कहना चाहती हूं कि हम इससे हिले ज़रूर हैं लेकिन डरे नहीं हैं। संजीव भट्ट का परिवार उनके लिए ताक़त बना रहेगा, कमज़ोरी नहीं”।
बता दें कि गुजरात सीआईडी ने पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को पिछले साल सितंबर में 22 साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद से वह जेल में हैं। गुजरात हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है।
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संजीव भट्ट की पत्नी ने उन्हें ज़मानत पर रिहा करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका डाली है। जिसपर अभी सुनवाई जारी है। इससे पहले लोअर कोर्ट ने संजीव भट्ट की ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया था।
संजीव भट्ट को पीएम मोदी के मुखर विरोधी के रूप में देखा जाता है। उन्होंने गुजरात दंगों में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका बताई थी। जिस वक्त यह दंगे हुए थे उस वक्त संजीव भट्ट ऑन ड्यूटी थे। दंगों में नरेंद्र मोदी का नाम लेने की वजह से संजीव भट्ट को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था।