महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन की पटरी पर रौंदे जाने से 16 मजदूरों की जान चली जाने के बाद देशभर में कोहराम मचा हुआ है। मातम के इस माहौल में सवाल किया जा रहा है कि आखिर ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार कौन है।
लॉकडाउन के डेढ़ महीने बाद भी अगर मजदूर अपने घर पहुंचने के लिए पैदल चलने को मजबूर है तो क्या इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है ? हर रोज पैदल चलते हुए हजारों मजदूरों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है क्या यह सब सरकार को दिखाई नहीं देती हैं ?
अब इस हादसे को लेकर स्वराज इंडिया के संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। योगेन्द्र ने लिखा-
सुनते हैं जांच होगी। किसकी? उस “लापरवाह” ड्राइवर की, जिसने ट्रेन रोकने की कोशिश की? उन “अनुशासनहीन” लोगों की, जो थक कर ट्रैक पर सो गए थे? इन रोटियों की, जिनके चक्कर में वो घर से चले थे? या उन कुर्सियों की, जिन्होंने रेल पर सवार होने वालों को रेल के नीचे धकेल दिया? #Aurangabad
सुनते हैं जांच होगी। किसकी?
उस "लापरवाह" ड्राइवर की, जिसने ट्रेन रोकने की कोशिश की?
उन "अनुशासनहीन" लोगों की, जो थक कर ट्रैक पर सो गए थे?
इन रोटियों की, जिनके चक्कर में वो घर से चले थे?
या उन कुर्सियों की, जिन्होंने रेल पर सवार होने वालों को रेल के नीचे धकेल दिया?#Aurangabad pic.twitter.com/8uAmIrvSow— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) May 8, 2020
बताया जा रहा है कि यह मजदूर महाराष्ट्र मध्यप्रदेश की ओर अपने घर जा रहे थे। रेल की पटरी पकड़े पैदल चलने वाले इन मजदूरों को कितनी ज्यादा थकान लगी होगी कि बेबसी में ट्रेन पटरी पर ही बेसुध पड़े रह गए। सुबह के वक्त एक मालगाड़ी आती है और गरीबों के शरीर के चिथड़े हो गए।