उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब पीएम मोदी के पदचिन्हों पर चल पड़े हैं। चुनावी जनसभाओं में कांग्रेस को निशाना बनाने के साथ साथ अब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर योगी ने जो आरोप लगाए हैं वो बेबुनियाद और झूठा है।

सीएम योगी ने मनमोहन सरकार पर आतंकवादी अजमल कसाब को बिरयानी खिलाने का आरोप लगाया।

अब इस मामले की सच्चाई क्या है। क्या वाकई मुंबई हमले में शामिल आमिर अजमल कसाब को जेल में बिरयानी खिलाई गई थी।

इसका पता चलता है साल 2015 में छपी टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर का जिसमें साफ़ कहा गया कि कसाब को वही खाना दिया जा रहा था जो अन्य कैदियों को मिलता है।

मुंबई के खड़ी सुरक्षा वाले अर्थेर जेल में बंद था। इस केस की सुनवाई में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर उज्जवल निकम ने बिरयानी वाली बात की तो इसे लेकर खूब सुर्खिया बने और उस वक़्त भी मनमोहन सरकार पर जमकर निशाना साधा गया।

इसके बाद उज्जवल निकम ने साल 2015 में ने खुद कुबूल किया था की वो बिरयानी वाली बात झूठी थी। निकम ने कहा था कि हमने ये इसलिए कहा था क्योंकि इससे लोगों के अंदर केस में इमोशनल टच मिलता इसलिए हमने ये मनगढ़ंत कहानी बनाई थी

अब योगी आदित्यनाथ जो देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री है। उन्होंने जब मुंबई हमले की बरसी पर कहा कि सबको सुरक्षा व सम्मान देंगे लेकिन भेदभाव किसी के साथ नहीं करेंगे। जिन आतंकवादियों को कांग्रेस बिरयानी खिलाती थी, आज उन्हें हम गोली खिला रहे हैं।

अब ऐसे झूठ बोलकर भाषणों को जानदार तो बनाया जा सकता है मगर सोशल मीडिया के इस दौर में एक क्लिक पर सच और झूठ का पता लग ही जाता है।

वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है की सीएम योगी कैसे केंद्र की मोदी सरकार की तारीफ करते हुए नज़र आ रहे है और सफ़ेद झूठ बोल रहे है।

योगी ने कहा कि कसाब को मनमोहन सरकार ने बिरयानी खिलाई गई ऐसा करके वो देशभक्ति जगाना चाहते है मगर शायद वो भूल रहे है की कसाब को फांसी भी मनमोहन सरकार में ही दी गई थी।

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