बिहार की नीतीश सरकार जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव को गिरफ्तार किए जाने के मामले में विपक्षी दलों के साथ-साथ अपने ही सहयोगी दलों के नेताओं के निशाने पर भी आ गई है।

दरअसल मनोहर के पुलिस थाने में पप्पू यादव के खिलाफ लॉकडाउन का उल्लंघन करने के मामले में शिकायत दर्ज की गई थी।

माना जा रहा है कि पप्पू यादव द्वारा भाजपा के सांसद राजीव प्रताप रूडी पर लगाए गए गंभीर आरोप के बाद बदले की भावना में उन पर यह कार्रवाई की गई है।

इस मामले में जन विकास पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव के सहयोगी प्रेमचंद सिंह ने नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

इस कड़ी में पत्रकार उमाशंकर सिंह ने ट्विटर पर पप्पू यादव के सहयोगी प्रेमचंद सिंह की एक वीडियो शेयर की है।

जिसमें उन्होंने कहा है कि पप्पू यादव की गिरफ्तारी के पीछे लॉकडाउन का उल्लंघन बताया जा रहा है। पता नहीं कितने पुलिसकर्मी पहुँचे थे, उनमें कितने संक्रमित होंगे।

आज कितने लोग होंगे। कैसे आप रख सकते हैं इसकी आप गारंटी देंगे कि थाना सुरक्षित है? जैसे शहाबुद्दीन को बिहार से निकाल कर मार दिए वैसे ही बिहार के एक और लाल को मारना चाहते हैं?

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर आप को गिरफ्तार करना है तो राजीव प्रताप रूडी को गिरफ्तार कीजिए। पता कीजिए कि वह कहां पर फरार हैं और क्यों दिल्ली में बैठे हुए हैं ?

उन्होंने किस तरह से 40 एंबुलेंस अपने घर में छुपा कर रखी थी। क्या वह कानून का उल्लंघन नहीं था? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा उन्हीं लोगों को सजा देते हैं जो गरीबों की मदद के लिए आगे आते हैं।

बिहार में जिस शख्स ने लोगों की सेवा करने का काम किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उसे खत्म करने में जुट जाते हैं। लेकिन मैं यह दावा करता हूं कि बिहार के युवा और जनता पप्पू यादव के साथ हैं।

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