देश में चल रहे नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन अभी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने प्रदर्शनकारियों से अभीतक बात तक नहीं की है। बल्कि उनके साथ लगातार बर्बरता से पेश आ रही है।
देश के कोने-कोने में इस नागरिता कानून के खिलाफ लोग और ख़ासकर महिलाएं सड़क पर बैठीं हैं। जिनकी मांग है इस नागरिकता कानून को बर्ख़ास्त किया जाये। वहीं इस कानून के खिलाफ अब यूरोपीय संसद में CAA के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया है। जिसपर बुधवार को वहां की संसद में चर्चा होने वाली है।
इस प्रस्ताव में भारत से अपील की गई है कि नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ ‘रचनात्मक बातचीत’ हो और ‘भेदभावपूर्ण सीएए’ को ख़त्म करने की उनकी मांग पर विचार किया जाए।
वहीं भारत ने यूरोपीय संसद में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव को लेकर कहा, यह हमारा आंतरिक मामला है। जिसको लेकर विपक्षी नेता मोदी सरकार पर तंज कस रहे हैं। राज्यसभा सांसद और राजद के राष्टीय प्रवक्ता मनोज झा ने कश्मीर का उदाहरण देते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है।
मनोज झा ने कहा- ”अभी कुछ महीनों पहले आप यूरोप से दो-चार संसद को बुला कर कश्मीर का टूर करवाया था. लेकिन अपने देश के सांसदों को श्रीनगर एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया था। उसके बाद यूरोपीय संसद में यह प्रस्तावना! कहाँ विफ़लता है, क्या सन्देश जा रहा है, क्या हासिल किया आपने? अगर आप यह कहते हैं की यह हमारा आंतरिक मामला है। अब आपको स्वीकारना पड़ेगा की आप फेल हुए हैं”.
दरअसल यूरोपीय संसद में लाये गए प्रस्ताव में कहा गया है कि ‘संशोधित नागरिकता कानून भारत में नागरिकता तय करने के तरीके में खतरनाक बदलाव करेगा। इससे नागरिकता विहीन लोगों के संबंध में बड़ा संकट विश्व में पैदा हो सकता है और यह बड़ी मानव पीड़ा का कारण बन सकता है’।