दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को 3 महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है। किसानों की समस्या को सुलझाना तो दूर सरकार उनकी समस्याओं को सुनने में भी दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।

खुद को गरीबों और किसानों का मसीहा बताने वाले पीएम मोदी चुनाव प्रचार में एक राज्य के बाद दूसरे राज्य के दौरे कर रहे हैं।

सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए किसान नेता भी कई राज्यों में किसान महापंचायतों का आयोजन कर रहे हैं। इसी बीच तमिलनाडु से किसानों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है।

खबर के मुताबिक, तमिलनाडु में डीएमके प्रमुख और विपक्ष की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बने स्टालिन ने कहा है कि राज्य में उनकी सरकार बनते ही सबसे पहले वे मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करेंगे।

दरअसल तिरुपथुर और झोलारपेट में जनसभा को संबोधित करते हुए डीएमके प्रमुख ने ये बड़ा ऐलान किया है।

उन्होंने कहा कि पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल में तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए हैं। लेकिन तमिलनाडु सरकार ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने राज्य के किसानों के साथ धोखा किया है।

इसके साथ ही डीएमके प्रमुख ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा भी उठाया।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भी 2 करोड़ हस्ताक्षर किए थे। इस मुद्दे पर उनकी पार्टी के सदस्यों ने संसद में इस कानून के खिलाफ मतदान किया था।

आपको बता दें कि तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं और तमिलनाडु में एक ही चरण में चुनाव होने वाले हैं।

6 अप्रैल को तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान किया जाएगा और 2 मई को अन्य राज्यों के नतीजों के साथ तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के नतीजे भी घोषित किए जाएंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here