नोटबंदी से किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ था। ऐसा कई मीडिया चैनल और बीजेपी नेता दावा करते आये है। मगर ये आधी सच्चाई है, पूरी सच्चाई ये है कि नोटबंदी के कारण कई लोग बेरोजगार हो गए और कितनों की मौतें हुई। जिसकी पुष्टि सरकार ने कभी नहीं की मगर नोटबंदी के चलते अभी भी आत्महत्याएं जारी है।
दरअसल यूपी के मेरठ में बीजेपी (BJP) के एक पूर्व पार्षद ने रविवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट चौंकाने वाला है। आत्महत्या करने से पहले अपने सुसाइड नोट जो कुछ भी लिखा है उसकी पुलिस जांच करने में जुट गई है।
टीपी नगर थाना पुलिस के अनुसार क्षेत्र स्थित वंडर सिटी सेकंड कॉलोनी स्थित एक खाली फ्लैट में रविवार की दोपहर भाजपा के पूर्व पार्षद का शव संदिग्ध हालात में फंदे से लटका शव मिला।
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पुलिस को मौके से 4 पेज का सुसाइड नोट, शराब की बोतल और सिगरेट आदि बरामद हुए हैं। शहर के भगवतपुरा निवासी सतीश चांदी के थोक कारोबारी थे। परिवार में पत्नी उषा और एक गोद ली हुई बेटी वर्षा हैं।
इस मामले पर एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि मृतक का नाम सतीश चंद (50) पुत्र श्री राय है। मृतक के पास से 4 पेज का एक सुसाइड नोट भी मिला है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया की पार्षद ने अपने सुसाइड नोट में वजह क्या लिखी है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व पार्षद नोटबंदी के बाद से परेशान था और इसी वजह ये कदम उठाया। पुलिस ने सुसाइड नोट को कब्जे में लेकर उसकी जांच शुरू कर दी है। सुसाइड नोट के बारे में पूछे जाने पर एसपी सिटी ने केवल इतना ही बताया कि सुसाइड नोट का परीक्षण कराया जा रहा है उसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।