‘अगर हर पत्रकार जो मेरे खिलाफ बीजेपी/आरएसएस के प्रोपगैंडा के चलते फर्जी खबरें प्रकाशित करता है, उसे जेल भेजा जाए, तो कई अखबारों/न्यूज चैनलों में स्टाफ की कमी हो जाएगी। यूपी सीएम बेवकूफाना हरकत कर रहे हैं। गिरफ्तार किए गए पत्रकारों को रिहा करने की जरूरत है।’
If every journalist who files a false report or peddles fake, vicious RSS/BJP sponsored propaganda about me is put in jail, most newspapers/ news channels would face a severe staff shortage.
The UP CM is behaving foolishly & needs to release the arrested journalists. https://t.co/KtHXUXbgKS
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 11, 2019
ये बयान है कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का जिन्होंने योगी सरकार द्वारा गिरफ्तार हुए पत्रकार प्रशांत कनौजिया और उनके साथ दो और पत्रकारों के समर्थन में ट्वीट किया है। राहुल का ये कहना है कि अगर मजाकिया ट्वीट पर एक्शन लिया जाने लगे तो कई अखबारों/ न्यूज चैनलों में स्टाफ की कमी हो जाएगी।
ये बात भी कुछ हद तक फिट बैठती है, क्योंकि आए दिन राहुल गांधी से जुड़ा ऐसा सच दर्शाने की कोशिश की जाती है। जो सच से एकदम अलग होता है चाहे वो राहुल के नागरिकता की बात हो या फिर उनका मजाक बनाने की। मीडिया के ही कई लोग ऐसा दावा करते नज़र आते है।
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फ़िलहाल प्रशांत की गिरफ़्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए योगी सरकार को उन्हें रिहा करने आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि किसी नागरिक की आज़ादी के साथ समझौता नहीं हो सकता। ये उसे संविधान से मिली है और इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता।
बता दें कि प्रशांत कनौजिया को उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को उनके घर से गिरफ्तार किया था। प्रशांत ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर एक ट्वीट के साथ वीडियो पोस्ट की थी जिसमें एक महिला आदित्यनाथ से अपने प्रेम प्रसंग को लेकर बात कर रही है।
एक पुलिसकर्मी ने ही लखनऊ के हज़रतगंज थाने में एफ़आईआर दर्ज करवाई थी और प्रशांत पर आईटी एक्ट की धारा 66 और मानहानि की धारा (आईपीसी 500) लगाई गई थी। बाद में धारा 505 को भी जोड़ दिया गया था।