‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ के नारे के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार पर लगातार गुप्त घोटाले और अपने करीबियों को फायदा पहुँचाने के आरोप लग रहे हैं। प्रधानमंत्री की शपथ लेने के बाद ही नरेंद्र मोदी का नाम कई उद्योगपतियों के साथ जुड़ा और इन उद्योगपतियों को फायदा पहुँचाने के आरोप लगे।

इस लिस्ट में सबसे चर्चित नामों में से एक हैं गौतम अडानी। गौतम अडानी को मोदी सरकार ने एक और तोहफा देते हुए देश के पांच बड़े एयरपोर्ट को चलाने की जिम्मेदारी सौंपी है।

6 एयरपोर्ट चलाने के लिए बाकायदा बोली लगाई गई थी, इस बोली में 6 में से 5 पर एकतरफा अडानी ग्रुप ने जीत हासिल की। जो पांच एयरपोर्ट अडानी के खाते में आए हैं वो जयपुर, अहमदाबाद, लखनऊ, मेंगलुरु और त्रिवेंद्रम हैं।

अंबानी को राफेल डील देने के बाद अब ‘अडानी’ को भी मोदी की सौगात, 2 दिन में कमाए 3000 करोड़

हालाँकि छठे एयरपोर्ट गुवाहाटी की बोली मंगलवार को लगाई जाएगी। अडानी के झोली में आने वाले ये एयरपोर्ट्स अब अडानी ग्रुप के पास अगले 50 साल तक होंगे। यानि इन एयरपोर्ट को इनको कैसे चलाना है, रख-रखाव कैसे करना है इसका अधिकार अडानी ग्रुप के पास होगा।

किन कंपनियों ने लगाई बोली: अडानी ग्रुप के अलावा बोली लगाने वाली कंपनियों में GMR, NIIF, AMP, कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट, पीएनसी इन्फ्रा आदि शामिल थीं। लेकिन, इन सभी कंपनियों के बीच बाजी मारी अडानी ग्रुप ने। इसी के साथ अडानी ग्रुप का एविएशन इंडस्ट्री में भी प्रवेश हो गया।

रिपोर्ट : 5500 करोड़ के कोयला घोटाले में ‘अडानी’ को बचा रही है मोदी सरकार! CBI ने नहीं की जांच

बता दें कि एयरपोर्ट संचालन के लिए कुल 10 कंपनियों ने 32 बोलियाँ लगाई थीं। । इस प्रक्रिया में कंपनियों को ‘मंथली पर-पैसेंजर’ बोली लगनी थी। जिसमें अडानी ग्रुप ने एयरपोर्ट संचालन के लिए सबसे ज्यादा बोली लगाई।

गौरतलब है कि, “पिछले साल नवंबर महीने में मोदी सरकार ने AAI (एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया) संचालित 6 एयरपोर्ट के पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर प्रबंधन के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। दरअसल, इसी को लेकर विपक्ष और तमाम संगठन मोदी सरकार पर आरोप लगाते हैं कि ये उद्योगपतियों की सरकार है और सरकार सबकुछ प्राइवेट कर रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here