राजस्थान के कोटा में सरकार की लापरवाही के चलते 100 मासूम अपनी जान गँवा चुके हैं।
कोटा के जे के लोन अस्पताल में पिछले 24 घंटे में 10 बच्चों की मौत के बाद यह सिलसिला लगातार जारी है।
कोटा के इस अस्पताल के बारे में बताया जाता है यहाँ की स्वास्थ्य सेवाएं बहुत ही ख़राब स्तर की है जिस कारण यहाँ पर अक्सर मासूम बच्चो की मौत होती हैं लेकिन कोई भी सरकार इस अस्पताल की हालत सुधारने पर विचार नहीं करती है।
बच्चो की मौत पर ज़िम्मेदारी लेने की बजाय राज्य की गहलोत सरकार इसका जिम्मा पिछली सरकार पर फोड़ रही है और उनकी मौतों की तुलना इस साल की मौतों से कर रही है।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बाद राजस्थान के कोटा में इतने बड़े स्तर पर बच्चों की मौत केंद्र सरकार के आयुष्मान भारत योजना के साथ-साथ राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं पर भी सवाल खड़े करती है।
भारत की सभी सरकारों के घोषणापत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य का मुद्दा होता है लेकिन आजतक कोई भी सरकार न तो भारत की शिक्षा व्यवस्था को लेकर ठीक ढंग से काम करती पाई गयी है और न ही स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने पर कभी जोर देती हुई दिखाई दी है।
आज इसी का ही परिणाम है कि दुनिया में मरने वाला हर छठा बच्चा भारत का होता है।