बांग्लादेश की राजधानी ढाका के इस्कॉन मंदिर में 31 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। जिसके बाद संक्रमण की रोकथाम के लिए मंदिर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है।
ढाका ट्रिब्यून में छपी खबर के मुताबिक, गेंदरिया पुलिस स्टेशन के ऑफिसर इन्चार्ज साजू मिआ ने बताया कि स्वामीबाग इलाके में स्थित इस्कॉन के 31 सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। साजू ने बताया सभी संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। उन्होंने आगे बताया कि मंदिर के पास की पूरी रोड को लॉकडाउन कर दिया गया है ताकि यह वायरस और लोगों में ना फैले।
इस परिसर में मंदिर के पुरोहित समेत सौ से ज्यादा लोग रह रहे थे। इसलिए अभी सभी लोगों की जांच चल रही है। ढाका के मंदिर में कोरोना के 31 केस सामने आने के बाद इसकी तुलना भारत के दिल्ली मरकज से की जा रही है। लोगों का कहना है कि जब मरकज में तब्लीग़ी जमात के लोगों में कोरोना पॉज़िटिव पाया गया तो इसे सांप्रदायिक रंग दे दिया गया। लेकीन जब बांग्लादेश के मंदिर में कोरोना के केस सामने आए तो अल्पसंख्यकों को निशाना नहीं बनाया गया।
कांग्रेस नेता श्रीवत्स ने ट्विटर के ज़रिए कहा, “ढाका के स्वामीबाग इलाके में इस्कॉन मंदिर के 31 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। लेकिन उन्हें निश्चित रूप से कोरोना फैलाने वाला नहीं कहा जाएगा क्योंकि बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना इस घटना को सांप्रदायिक नहीं होने देंगी। और उनके पास अर्नब और बीजेपी आईटी सेल की तरह B & D नहीं है।”
31 people of an ISKCON temple in Dhaka's Swamibhag area are COVID positive
But they surely won't be called 'Single Source' because Bangladesh's PM Sheikh Hasina won't let the incident be communalised
And they don't have B&D like Arnab and BJP IT cellpic.twitter.com/05pzwNejC6
— Srivatsa (@srivatsayb) April 26, 2020
बता दें कि बांग्लादेश में कोरोना के पांच हज़ार से ज़्यादा एक्टिव केस हैं, जबकि 140 लोगों की इस संक्रमण से मौत हो चुकी है। बांग्लादेश में कोरोना का पहला मामला 8 मार्च को सामने आया था। जिसके बाद मंदिर में बाहरी लोगों की एंट्री पर पाबंदी लगा दी गई थी। लेकीन इसके बावजूद वहां कोरोना का संक्रमण पाया गया है, जिसने सबको हैरान कर दिया है।