2019 में मोदी की हार हो या जीत बहुत फर्क नही पड़ता, अगला PM जो भी बनेगा कर्जदार ही रहेगा क्योंकि चुनाव से से पहले ही मोदी ने देश को एक तरह से गिरवी रख दिया, 4 साल में देश का कर्ज 49% बढ़ गया है। अब सरकारी खजाने पर 82 लाख करोड़ का बोझ आ गया है।

राष्ट्रवाद का हौव्वा खड़ा करके पीएम मोदी ने देश को खोखला कर दिया है। इस बात का खुलासा खुद मोदी सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए इस आंकड़े से होता है।

मोदीराज में भारत सरकार का कर्ज 49% बढ़ गया है और अब यह 82 लाख करोड़ रुपए का बकाया हो गया है यानी जो 2014 में सरकार पर कुल कर्ज 54 लाख 90763 करोड था वह अब सितंबर 2018 में बढ़कर 8203253 करोड हो गया।

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2014 में सरकार बनने के बाद पीएम मोदी बात बात पर बहाना करटे थे कि देश को के खजाने को कांग्रेस ने लुटा दिया है और देश को कर्ज तले छोड़ दिया है।

गौर करने की बात है कि तब देश पर 5490763 करोड़ का कर्ज था लेकिन उसको कम करने की बजाय मोदी सरकार ने अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दिया और अब देश पर कर्ज 8203253 करोड रुपए हो गया।

इसे दूसरे शब्दों में कहें तो आने वाली सरकारी किसी भी दल या गठबंधन की हो, दशकों तक कर्ज से उबर नहीं पाएगी।

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यानी मोदी सरकार ने 5 साल में देश को कर्ज के तले इस तरह दबा दिया है कि आगे बनने वाली कोई भी भारत सरकार कर्जदार सरकार मानी जाएगी।

गौरतलब है कि शुक्रवार को केंद्र सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट का आठवां संस्करण जारी किया है जिसके मुताबिक साढ़े 4 साल में सरकार पर 49 फ़ीसदी कर्ज बढ़ा है।

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