केंद्र की मोदी सरकार से लंबे समय से चल रही तनातनी के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया है।

माना जा रहा है कि उर्जित पटेल ने इस्तीफा सरकार के दबाव में दिया है। हालांकि, उर्जित का कहना है कि उन्होंने यह इस्तीफा निजी कारणों के चलते दिया है।

इस्तीफे के बाद उर्जित पटेल ने बयान जारी करते हुए कहा, ‘मैं निजी कारणों की वजह से तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। बीते सालों में आरबीआई में काम करना मेरे लिए गर्व की बात रही।

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इस दौरान आरबीआई के अधिकारियों, प्रबंधन और स्टाफ का भरपूर सहयोग मिला। मैं आरबीआई बोर्ड के सभी निदेशकों और सहकर्मियों का शुक्रिया अदा करता हूं”।

उर्जित पटेल के इस्ताफे के बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधना शुरु कर दिया है। कांग्रेस केवरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा, ‘जिस तरह आरबीआई गवर्नर को पद छोड़ने के लिए विवश किया गया वह भारत के मॉनिटरी और बैंकिंग सिस्टम के लिए झटका है। वास्तव में बीजेपी सरकार ने आर्थिक आपातकाल लगा दिया है। देश की प्रतिष्ठा दांव पर है।’ 

वहीं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर विकास योगी ने ट्विटर के ज़रिए तंज़ कसते हुए कहा, “सीबीआई, चुनाव आयोग, मीडिया के बाद अब RBI । बस मोदी जी बचेंगे”।  

बता दें कि RBI की स्वायत्तता को लेकर उर्जित पटेल और केंद्र सरकार के बीच लंबे समय से टकराव की खबरें आ रही थीं। यह टकराव इतना बढ़ गया था कि वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक कानून की धारा सात (रिजर्व बैंक गवर्नर को निर्देश देने का अधिकार) को लागू करने पर विचार शुरूकर दिया था।

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टकराव की स्थिति तब ज़्यादा बढ़ गई थी जब रिज़र्व बैंक ने केंद्र सरकार की 3.60 लाख करोड़ रुपये की मांगको ठुकरा दिया था।

हालांकि बाद में टकराव के ख़त्म होने की ख़बरें भी आईं, लेकिनअब उर्जित पटेल के इस्तीफे ने एक बार फिर केंद्रीय संस्थाओं में सरकार के दखल परसवाल खड़े कर दिए हैं।

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