
कश्मीर घाटी में तैनात डीएसपी दविंदर सिंह की दो आतंकवादियों के साथ गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस ने पुलवामा हमले की नए सिरे से जांच की मांग की है। कांग्रेस ने ये मांग इसलिए की है क्योंकि हमले के वक्त दविंदर सिंह पुलवामा में डीएसपी पद पर तैनात था।
कांग्रेस की इस मांग को सत्तारूढ़ बीजेपी ने खारिज करते हुए उलटा उसपर ही आरोप लगाने शुरु कर दिए हैं। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा का कहना है कि कांग्रेस पुलवामा हमले की नए सिरे से जांच की मांग कर भारत की पीठ में खंजर घोपने और पाकिस्तान की तरफ़दारी करने का काम कर रही है।
पुलवामा हमले की जांच से क्यों डर रही BJP, क्या इससे RDX पहुंचाने वाले का नाम खुल जाएगा?
हैरानी की बात तो ये है कि पारदर्शिता के लिए की जा रही जांच की मांग पर कांग्रेस को मीडिया का साथ नहीं मिल रहा। मीडिया इस मामले पर पूरी तरह से ख़ामोश नज़र आ रहा है।
वह ये सवाल नहीं पूछ रहा है कि क्या पाकिस्तान स्थित आतंकवादी गुटों के साथ देविंदर सिंह की सांठगांठ बहुत पहले से चली आ रही है? पुलवामा हमले के वक्त देविंदर वहां तैनात था, क्या मौके पर आरडीएक्स पहुंचाने में उसका कोई हाथ था?
दविंदर सिंह की गिरफ़्तारी पर इतनी शांति क्यों है? कहां गए देशद्रोहियों की पहचान करने वालेः अनुराग
मीडिया दविंदर सिंह के कथित पाकिस्तान कनेक्शन पर कोई सवाल नहीं कर रहा। मीडिया की इसी ख़ामोशी पर आध्यात्मिक गुरु एवं कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने संदेह जताया है। उन्होंने ट्विटर के ज़रिए मीडिया को घेरते हुए कहा, “अगर सख़्ती और ईमानदारी से जाँच हो जाये, तो कई एंकर भी पाकिस्तान के एजेंट निकलेंगे”।
अगर “सख़्ती” और “ईमानदारी” से जाँच हो जाये, तो कई “एंकर” भी पाकिस्तान के “एजेंट”
निकलेंगे.#DSP_दविंदर_सिंह— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) January 14, 2020
बता दें कि डीएसपी दविंदर सिंह को पुलिस ने कश्मीर के कुलगाम से हिज़्बुल मुजाबिदीन के दो आतंवादियों के साथ गिरफ्तार किया था। जिस वक्त देविंदर को गिरफ्तार किया गया वह आतंकियों के साथ वाहन में बैठे थे। उसके वाहन से पांच ग्रेनेड बरामद किए गए थे और बाद में डीएसपी के घर की तलाशी में दो एके-47 राइफल भी मिले थे। सिंह ने राज्य पुलिस के कई वरिष्ठ पदों पर काम किया है। पुलवामा में जिस वक्त हमला हुआ देविंदर वहां डीएसपी के पद पर तैनात था।