पूर्व IAS अधिकारी, भारत में ‘सूचना का अधिकार’ आंदोलन की अगुवा और समाज सेविका अरूणा रॉय नें मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “इन दिनों सरकार के ख़िलाफ़ महज़ कोई विचार रखना भी राजद्रोह क़रार दिया जा सकता है।“
जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल के ‘जानने का अधिकार सत्र’ में बोलते हुए अरूणा ने चेतावनी भरे लहज़े में कहा कि, “देश में बहस और असहमति का दायरा सिकुड़ता जा रहा है। सरकार के ख़िलाफ़ सिर्फ़ अगल विचार रख लेने भर से राजद्रोही क़रार दिया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि जब आप बातचीत की गुंजाइश ख़त्म कर देते हैं और अलग तरह के विचार को राजद्रोह से जोड़कर देखने लगते हैं तब आप बहुत ख़तरनाक हालात में होते हैं”
अन्ना हज़ारे ने ‘राफ़ेल’ को बताया घोटाला, कहा- जल्द सबूतों के साथ करूंगा ‘मोदी सरकार’ का ख़ुलासा
भीमा कोरेगाँव मामले में पुलिस द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बड़े के ख़िलाफ़ दर्ज मामले का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि, एक सूचना का अधिकार कार्यकर्ता के लिए हालात बेहद नाज़ुक है। क्योंकि सरकार से माँगी किसी भी जानकारी को राजद्रोह बताया जा सकता है।
मालूम हो कि, इससे पहले शायर, गीतगार जावेद अख़्तर ने भी कहा था कि, देश को दो भागों में बाँट दिया गया है। देशभक्तों और देशद्रोहियों के बीच। अगर आप किसी मसले पर किसी से अलग राय रखते हैं तो आपको देशविरोधी बता दिया जाता है।
द हिंदू की रिपोर्ट में खुलासा : मोदी सरकार ने 9% सस्ते नहीं बल्कि 41 प्रतिशत मँहगे खरीदे ‘राफेल विमान’
अख़्तर ने कहा था कि देशभक्ति सिर्फ़ नारा लगाने का नाम नहीं है। देशभक्ति महसूस किए जाने वाली शय है। विचार करने वाली चीज़ है कि कैसे हम एक अच्छे नागरिक बने और समाज को अच्छे रास्ते पर लेकर जाएँ।