प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पांच साल के कार्यकाल में खूब रैलियां की, खूब भाषण दिए। गोदाम से लेकर ट्रेन के उद्घाटन तक के मौके पर मोदी ने भाषण दिया और बार-बार विपक्ष पर हमला किया।

कार्यकाल खत्म हुआ। बीजेपी अब एक फिर अपने पोस्टर बॉय नरेंद्र मोदी के साथ चुनावी मैदान में है। नरेंद्र मोदी एक बार फिर अंधाधुंध रैलियों करने वाले हैं… लेकिन इसकी जरूरत क्या है? बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी ने पीएम मोदी रहते हुए भी तो वोट ही मांगा है। हर मौके पर भाषण दे देकर और विज्ञापन की आंधी चलकार सब कुछ तो बता चुके हैं जनता को, अब क्या बाकी रह गया है जिसके लिए रैली करने जा रहे हैं।

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ख़ैर, मोदी जी मानने वाले थोड़ी न हैं। इलेक्शन कमीशन द्वारा लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद मोदी ने अपनी पहली रैली गुरुवार को यूपी के मेरठ में की। दिलचस्प बात ये है कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी मोदी ने मेरठ से ही चुनाव प्रचार का आगाज किया था। शायद किसी बाब-वाबा ने जीत का ये नुस्खा बताया हो। जैसे 2014 में मेरठ से शुरूआत कर के जीत गए थे, वैसे ही 2019 में भी मेरठ से शुरूआत करके जीत जाओगे!

लेकिन शायद ये टोटका काम नहीं कर रहा है। क्योंकि नरेंद्र मोदी की मेरठ की रैली फ्लॉप रही है। जी हां, फ्लॉप रही है। मीडिया ये चीज नहीं बताएंगा क्योंकि वो अभी गोदी में बैठा हुआ है।

दरअसल रैली में जितने लोगों की आने की संभावना में कुर्सियों का इंतजाम किया था, उससे बहुत ही कम लोग पहुंचे। नतीजतन ज्यादातर कुर्सियां खाली रहीं।

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ये खाली कुर्सियां न दिखे इसके लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं को बड़े-बड़े झंडे के साथ आगे की कतार में खड़ा कर दिया गया और पीछे की लगभग सभी कुर्सियां खाली रहीं।

वरिष्ठ पत्रकार Maya Mirchandani ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से मोदी के रैली की फोटो शेयर की है। कुर्सियां खाली दिख रही है और भाजपा कार्यकर्ता आगे की कतार में खड़े नजर आ रहे हैं।

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