![Modi](https://boltahindustan.com/wp-content/uploads/2018/12/https___s3-ap-northeast-1.amazonaws.com_psh-ex-ftnikkei-3937bb4_images_6_5_5_5_16395556-1-eng-GB_インド モディ首相講演会20181029151658307_Data_2048x1152-696x392.jpg)
मोदी सरकार नोटबंदी और जीएसटी का चाहे जितना भी समर्थन करे लेकिन सरकार के ये कदम आम जनता के लिए घातक ही सिद्ध हुए हैं। ऑल इंडिया मेनुफेक्चर ऑर्गेनाइजेशन (AIMO) द्वारा किए गए ताजा सर्वे में देशभर के छोटे उद्योगों ने अपने बुरे दिनों की बात मानी है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, AIMO ने देश भर में 34,700 व्यापारियों और एमएसएमई का सैंपल सर्वे करने के बाद अपनी रिपोर्ट दी है।
देशभर की ट्रेडर्स एंड माइक्रो स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (MSME) के आने उद्योगिक इकाई ने अपने द्वारा भेजी गई सूचना में है स्वीकार किया है कि वह साल 2014 से लगातार नौकरी में कमी और लगातार मुनाफे में गिरावट के दौर से जूझ रहीं है।
सर्वे में कहा गया है कि साल 2014 के बाद विभिन्न क्षेत्रों के व्यापारियों को अपने क्षेत्र में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है।
साथ ही इस सर्वे की इस रिपोर्ट में व्यापार श्रेणी में 43 प्रतिशत, सूक्ष्म श्रेणी में 32 प्रतिशत नौकरियों में कमी की बात कही गई है। वहीं लघु श्रेणी में 35 प्रतिशत और मध्यम श्रेणी में 24 प्रतिशत नौकरियों में की कमी हुई है।
हर साल दो करोड़ नौकरियां देने वाली सरकार के शासनकाल में देश में बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा करने वाला यह क्षेत्र भारी नुकसान के दौर से गुजर रहा है।
इन उद्योगों का नुकसान वाकई काफी बड़ा और गंभीर है। सरकार को जल्द से जल्द इन व्यापार और एमएसएमई क्षेत्रों को उबारने के लिए कदम उठ़ाने चाहिए।
छोटे उद्योगों की खराब स्थिति और घाटे में रहने के कारण ना सिर्फ मोदी सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए इन उद्योगों का घाटे में रहना नुकसानदायक रहेगा।