मालेगांव ब्लास्ट केस की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की संसदीय कमेटी में जगह मिल गई है। उन्हें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में बनी इस कमेटी का सदस्य बनाया गया है। 21 सदस्यों की इस कमेटी में मीनाक्षी लेखी, सुप्रिया सुले, शरद पवार, ए राजा और फारुख अब्दुल्ला समेत विभिन्न दलों के सांसद शामिल हैं लेकिन सबसे ज्यादा विवाद भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर की सदस्यता पर हो रहा है।

सवाल उठ रहे हैं कि जो शख्स खुद किसी आतंकी घटना में शामिल होने का आरोपी हो वो देश की सुरक्षा तय करने वाली कमेटी का हिस्सा क्यों है?

जो सरकार देश की सुरक्षा करने का दावा करती है वह ऐसी प्रोफाइल के नेता को शामिल करके सुरक्षा जैसे मामले पर रिस्क क्यों ले रही है ? जो प्रधानमंत्री देशहित को सर्वोपरि बताते हैं वो आतंकवाद की आरोपी में ऐसी काबिलियत क्यों देखते हैं ?

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इसपर कांग्रेस नेता अलका लांबा ने ट्विटर पर लिखा- जिस पर स्वयं आतंकी हमले करवाने के आरोप लगे हों, जो आतंकवाद फ़ैलाने के आरोप में 10 साल जेल रही हो, और सबसे बड़ी बात प्रधानमंत्री मोदी जी ने जिसके लिए कहा हो “कभी माफ़ नहीं कर पाऊँगा” उस महिला को देश की सुरक्षा कमेटी में रखना, देश के साथ एक भद्दा मज़ाक है और कुछ

ये वही प्रज्ञा ठाकुर हैं जिन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। विपक्षी नेताओं के बारे में कहा था कि विपक्षी नेता भाजपा के नेताओं पर ‘मारक शक्ति’ का इस्तेमाल करते हैं। हेमंत करकरे के बारे में कहा था कि वो मेरे श्राप से मारा था।

संभलकर… नींबू-मिर्ची और टोने टोटके वालीं प्रज्ञा ठाकुर अब देश की सुरक्षा पर सलाह देंगी : जयवर्धन सिंह

नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने पर सवाल उठने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बयान देते हुए कहा था कि, मैं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को मन से माफ़ नहीं कर पाऊंगा। इसके बाद बीजेपी ने विवादित बयान पर प्रज्ञा को कारण बताओ नोटिस दिया था।

लेकिन अब यही प्रज्ञा ठाकुर जो लोगों को श्राप से मार देती हैं, वो देश की रक्षा के लिए निर्णय लेने वाली कमेटी में सलाह देंगी। क्या ये देश का दुर्भाग्यपूर्ण है? हो सकता है प्रज्ञा अब दुश्मनों को अपनी मारक क्षमता से मार देंगी।

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