मुंबई के ताज होटल में हुए आतंकी हमले के बाद तत्कालीन गृहमंत्री विलासराव देशमुख का इस्तीफा लेने वाली बीजेपी अब पुलवामा हमले के बाद अपनी ज़िम्मेदारियों से बचने के लिए इसका ठीकरा पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पर फोड़ती नज़र आ रही है।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आंध्र प्रदेश के राजामुंदरी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “जिस कश्मीर के कारण यह सब आतंकवादी घटना पाकिस्तान करवा रहा है, वो कश्मीर समस्या का कोई जनक है तो पंडित जवाहरलाल नेहरू हैं, उनके कारण ही आज कश्मीर फंसा हुआ है। अगर सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो आज देश में कश्मीर समस्या नहीं होती”।

इस दौरान बीजेपी अध्यक्ष ने कांग्रेस पर पुलवामा हमले को लेकर राजनीति करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ देशवासियों के दिल में दर्द है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है।

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उन्होंने कहा, “पीएम मोदी किसी कार्यक्रम में थे, उसे मुद्दा बनाया। मैं कहना चाहता हूं कि पीएम मोदी 24 में से 18 घंटे देश के लिए काम करने वाले व्यक्ति हैं, आपके आरोपों का असर नहीं होगा”। शाह ने कहा कि हमें देशभक्ति मत सिखाओ कांग्रेसियों, हमारी रग-रग में देशभक्ति है।

दरअसल, इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया था कि जिस वक्त पुलवामा में आतंकी हमला हुआ उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिल्म शूट कर रहे थे, समोसा और चाय का नाश्ता कर रहे थे।

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पुलवामा हमले के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को ज़िम्मेदार ठहराए जाने के बाद सोशल मीडिया पर अमित शाह का जमकर मज़ाक बनाया जा रहा है। पत्रकार रोहिणी सिंह ने ट्वीट कर लिखा, “आख़िरकार पुलवामा हमले के भाषणों में नेहरू ने अपना खाता खोल दिया”।

वहीं एक और यूज़र ने लिखा, “चलो चुनाव है और नेहरू का नाम न आए ऐसा कैसे हो सकता, अपनी नाकामी को कांग्रेस और नेहरू में समेट देना”।

1 COMMENT

  1. अमित शाह जी की बात से में पूरी तरह सहमत हूँ आजाद हिन्दुस्तान में पहला आर एस एस का आतंकवादी नाथूराम गोडसे था जिसने एक आजाद राष्ट्र का राष्ट्रपिता हमसे छीन लिया उसके बाद 1950 से पाँच साल तक आर एस एस पर पूरी तरह से बैन लग गया लेकिन 1955 में नेहरू जी की वजह से कुछ शर्तों पर ये बैन हट गया हांलाकि सरदार पटेल इसके सख्त खिलाफ़ थे वो नही चाहते थे कि बैन हटे लेकिन नहरु जी के सामने उनकी न चली उसके बाद धीरे धीरे आतंकवाद ने पूरे हिन्दुस्तान में अपना असर दिखाना शुरु कर दिया पुलवामा हमला उसी के क्रम का एक हिस्सा बना है जिसके तार कहीं न कही जरूर इस आतंकवादी संगठन से मिलेंगे
    इसलिये में भी नेहरु जी को दोषी मानता हूँ

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