अभी कुछ ही दिनों पहले बेंगलुरु बेड घोटाले की चर्चा देश भर में तेज थी। भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या समेत कुछ भाजपा विधायकों और नेताओं ने कोविड सेंटर का निरीक्षण किया और वहां बिस्तर आवंटन के नाम पर हो रहे घोटाले के लिए वहां के मुस्लिम कर्मचारियों को कसूरवार ठहरा दिया,

हालांकि बाद में सारी बातें फर्जी साबित हुई और सभी मुस्लिम कर्मचारी निर्दोष साबित हो गए लेकिन एक बार फिर से मामला दिलचस्प हो गया है।

भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या और भाजपा विधायक सतीश रेड्डी के साथ कोविड सेंटर में निरीक्षण करने पहुंचा उनका बाबू नामक दोस्त ही बिस्तरों की हेराफेरी में पकड़ा गया है।

पुलिस ने उसे बेड घोटाले के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।सतीश रेड्डी बोम्महल्ली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। पुलिस ने भाजपा विधायक के सहयोगी बाबू को कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद उसे रिमांड पर भेज दिया गया।

बेड घोटाले का मामला सामने आते ही सीसीबी ने बाबू को गिरफ्तार कर पूछताछ की थी। इस दौरान बाबू की तबीयत खराब हो गई और उसे अस्पताल में भती करा दिया गया।

वहां पर वह कोरोना पाॅजिटिव हो गया, जिसकी वजह से वह काफी दिनों से होम क्वारेंटीन हो गया था। कोरोना ठीक होते ही पुलिस का शिकंजा एक बार फिर से बाबू पर कसा और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

बेंगलुरु की जयनगर पुलिस ने पिछले 03 मई को रोहित और नेत्रवती नामक शख्स को गिरफ्तार कर लिया था। ये तीनों एक प्राइवेट अस्पताल में बेड ब्लाॅकिंग धोखाधड़ी में संलिप्त थे। मामले की जांच सीसीबी कर रही है।

जांच के बाद पता चल जाएगा कि भाजपा विधायक के सहयोगी ने बेड बुक करने के नाम पर कितने लोगों से पैसे लिए हैं। सीसीबी यह भी जांच कर रही है कि बाबू ने अपने स्तर से कितने बेड बुक किए और अब तक उससे कितने पैसे कमाए हैं।

पुलिस ने कहा कि बाबू सबसे पहले अस्पताल के बिस्तर को अपने कब्जे में ले लेता था और बाद में उसे उंचे दाम लेकर लोगों को देता था। उसके इस रैकेट में कई सफेदपोश समाजसेवी भी शामिल हैं।

मालूम हो कि बेंगुलरु दक्षिण के भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या, बोम्मनहल्ली के भाजपा विधायक सतीश रेड्डी, बसवनगुड़ी के भाजपा विधायक रवि सुब्रमण्यम और चिकपेट के भाजपा विधायक उदय गरुड़ाचार ने बेंगलुरु में बेड घोटाले का पर्दाफाश किया था। पर्दाफाश के वक्त बाबू भी इन सभी नेताओं के साथ मौजूद था।

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