मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे का साथ मिला है। अन्ना हज़ारे किसानों के समर्थन में एक दिन के अनशन पर बैठ गए हैं।

उन्होंने किसानों के हक़ में आवाज़ को बुलंद करते हुए कहा कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए इस तरह के आंदोलनों की ज़रूरत है। ये आंदोलन देशभर में होना चाहिए।

महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िले के रालेगण सिद्धि गांव में अनशन पर बैठे अन्ना हज़ारे ने एक रिकॉर्डेड संदेश के ज़रिए कहा, ‘‘मैं देश के लोगों से अपील करता हूं, दिल्ली में जो आंदोलन चल रहा है, वह पूरे देश में चलना चाहिए।

सरकार पर दबाव बनाने के लिए ऐसी स्थिति बनाने की ज़रूरत है और इसके लिए किसानों को सड़कों पर उतरना होगा”।

किसानों के साथ हमेशा खड़े रहने का वादा करते हुए अन्ना हज़ारे ने कहा कि किसानों के लिए सड़कों पर आने और अपना मुद्दा हल कराने का यह ‘‘सही समय’’ है। मैंने पहले भी इस मुद्दे का समर्थन किया है और आगे भी करता रहूंगा।

इस दौरान अन्ना ने कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) को स्वायत्तता देने और एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार सीएसीपी को स्वायत्तता नहीं देती है और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं करती है तो वह इसके खिलाफ़ आंदोलन करेंगे। सरकार पर आरोप लगाते हुए अन्ना ने कहा, ‘‘ सरकार सिर्फ आश्वासन देती है, कभी मांगें पूरी नहीं करती।’’

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