चंदा कोचर मामले में वित्तमंत्री अरुण जेटली की दख़ल के बाद वरिष्ठ पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने इस पर टिप्पणी की है। पत्रकार ने ट्वीटर पर भाजपा मंत्री के हवाले से लिखा-

एक वरिष्ठ बीजेपी मंत्री का कहना है कि, अरुण जेटली चंदा कोचर केस में जाँच को लेकर ब्लॉग नौटंकी कर रहे हैं। अगर उन्हें जाँच से इतनी ही दिक़्क़त है तो उन्हें मंत्रीपद छोड़कर उन्हें कोचर एंड कम्पनी के लिए वकालत करनी चाहिए। आख़िरकार वो एक बेहतर वकील हैं, एक बेहतर वित्तमंत्री होने बजाए

चंदा कोचर केस-

केंद्रीय मंत्री सीबीआई पर दबाव बनाने वाले ट्वीट करता है। उसके ठीक दो दिन पहले सीबीआई के एक आफ़िसर को हाईप्रोफ़ाइल लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज करने के बाद ट्रांसफ़र कर दिया जाता है।

दरअसल धोखाधड़ी और आपराधिक साज़िश रचने के आरोप में ICICI BANK की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, चंदा के पति दीपक कोचर और VIDEOCON ग्रुप के प्रमोटर वीएन धूत के ख़िलाफ़ आईसीआईआईसीआई बैंक धोखाधड़ी मामले में FIR दर्ज करने वाले आफ़िसर का ट्रांसफ़र कर दिया गया है।

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इन सभी आरोपियों पर मामला दर्ज होने के एक दिन बाद ही अमेरिका में इलाज करा रहे बीमार केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने ट्वीट कर सीबीआई को दुस्साहस से बचने की नसीहत दी थी।

कांग्रेस का आरोप है कि, इस मामले में केंद्रीय मंत्री जाँच एजेंसी को डरा-धमका रहे हैं और सीबीआई पर दबाव डाल रहे हैं।

INDIAN EXPRESS की ख़बर के मुताबिक़ दिल्ली में सीबीआई के बैंकिंग एंड सिक्योरिटी विभाग में तैनात रहे एसपी सुधांशुधर मिश्रा ने 22 जनवरी को चंदा कोचर, दीपक कोचर और वीएन धर के ख़िलाफ़ आपराधिक साज़िश रचने और धोखाधड़ी के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके एक ही दिन बाद एसपी सुधांशुधर का तबादला रांची की सीबीआई अपराध शाखा में कर दिया गया।

क्या है मामला-

ICICI बैंक द्वारा इलेक्ट्रॉनिक कम्पनी वीडियोकॉन को 3250 करोड़ रूपये के लोन के बदले तत्कालीन ICICI बैंक सीईओ और एमडी रहीं चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को कारोबारी फ़ायदा पहुँचाने के आरोप का मामला है।

इस दिए गए लोन 3250 करोड़ का 2810 करोड़ रूपया चुकाया नहीं गया। और वीडियोकॉन के खाते को NPA की लिस्ट में डाल दिया गया।

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वीडियोकॉन के प्रमोटर वीएन धूत ने साल 2008 में चंदा कोचर और दीपक कोचर और उनके दो रिश्तेदारों के साथ मिलकर एक कम्पनी खोली थी। उसके बाद इस कम्पनी को उनकी ही एक कम्पनी द्वारा 64 करोड़ रूपये का लोन दिया गया। उसके बाद लोन देने वाली कम्पनी का मालिकाना हक़ सिर्फ़ 9 लाख रूपये में एक ट्रस्ट को सुपुर्द कर दिया गया जिसके प्रमुख दीपक कोचर हैं। जो चंदा कोचर के पति हैं।

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