संविधान बचाओ संघर्ष समिति द्वारा जारी पोस्टर

2 अप्रैल 2018 को हुए ‘भारत बंद’ की याद में 2 अप्रैल 2019 को बहुजन समाज दिल्ली के रामलिला मैदान में इकट्ठा हो रहा है। ‘संविधान बचाओ संघर्ष समिति’ 2 अप्रैल को बहुजन संघर्ष दिवस के रूप में मना रहा है।

दिल्ली की ‘आम आदमी पार्टी’ सरकार में मंत्री राजेद्र पाल गौतम ने जनता से 2 अप्रैल को सुबह 11 बजे रामलीला मैदान में एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट किया है कि ‘बहुजन समाज ने सामाजिक न्याय और अस्मिता की लड़ाई जिस तरह 2 अप्रैल 2018 को सड़को पर लड़ते हुए अपनी एकजुटता का परिचय दिया उसने हमारी बहुजन ताकत का एहसास कराया। अपनी इसी ताकत का परिचय देने के लिए कल बहुजन संघर्ष दिवस मनाने के लिए रामलीला मैदान पहुंचे, प्रातः 11बजे’

 

बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम समेत कई बहुजन नेताओं ने लोगों से रामलिला मैदान में आने की अपील की है। वामन मेश्राम ने ट्वीट किया है कि ‘संविधान बचाओ संघर्ष समिति द्वारा 2 अप्रैल 2019 को दिल्ली के रामलिला मैदान पर बहुजन संघर्ष दिवस मनाया जायेगा, जिसमें 2019 के लोकसभा चुनाव का बहुजन अजेंड़ा भी तय किया जाने वाला है और साथ में ही EVM विरोधी आंदोलन की घोषणा भी होगी।’

‘संविधान बचाओ संघर्ष समिति’ की तरफ से जारी पर्चे में कहा गया है कि ”इस नए इतिहास और बहुजन एकता और संघर्ष, जिसमें समाज के कई लोगों की शहादत भी हुई उसकी याद में 2 अप्रैल, 2019 को दिल्ली के रामलीला मैदान में सुबह 11 बजे संविधान बचाओ संगर्ष समिति द्वारा ‘भारत बंद स्मरणोत्वः बहुजन संघर्ष शहादत दिवस’ मनाया जा रहा है।”

क्या है बहुजनों की मांग?

. 124वां संविधान संसोधन वापस लिया जाए। यानी आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का फैसला वापस लिया जाए। बंद का आह्वान करने वाली समिति का मानना है कि आर्थिक आधार दिया जाने वाला 10 प्रतिशत आरक्षण संविधान और सामाजिक न्याय पर बड़ा हमला है। आरक्षण के खात्मे की मनुवादी साजिश है।

. बिना बैक लॉक के 13 पॉइंट रोस्टर को तुरंत रद्द करते हुए उसकी जगह पुनः 200 पॉइंट रोस्टर लागू किए जाने के लिए केंद्र सरकार कानून लाए। हालांकि केंद्र सरकार 200 पॉइंट रोस्टर को लागू करने के लिए अध्यादेश ला चुकी है।

. संख्या के अनुपात में आरक्षण का प्रावधान किया जाए।

. 2021 के सेंसस कमिशन द्वारा जाति आधारित जनगणना किया जाए और ओबीसी को उसकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण दिया जाए।

. न्यायपालिका में एस.सी, एस.टी और ओबीसी आरक्षण लागू किया जाए।

. धर्म के आधार पर भेदभाव या अत्याचार रोकने के लिए Communal Violence Act भी बनाया जाए।

. SC, ST Atrocity Prevention Act की तरह OBC Caste Atrocity Prevention Act भी बनाया जाए।

8 अक्टूबर 2013 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पेपर ट्रेल मशीन की वोटिंग की गिनती होनी चाहिए।

. बंद के असामाजिक अपराधिक तत्वों एवं पुलिस गोली के शिकार शहीदों के परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए।

. शहीदों के परिवार के एक सदस्य को, सितंबर 2018 को लखनऊ में पुलिस गोली के शिकार विवेक तिवारी की पत्नी की तरह क्लास वन राजपत्रित नौकरी दी जाए।

. शहीदों के याद में शहर के प्रमुख स्थानों को चिह्नित कर उस पर एक स्मारक बनाया जाए।

. बंद में गिरफ्तार बहुजनों को जेल से रिहा किया जाए और उन पर चल रहे मुकदमों को तत्काल वापस लिया जाए।

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