बुलंदशहर में पुलिसकर्मी सुबोध कुमार सिंह की हत्या हो चुकी है। गो-रक्षा के नाम पर हुए इस हिंसा के लिए कुछ हिंदूवादी संगठनों को जिम्मेदार माना जा रहा है। लेकिन बीजेपी सांसद भोला सिंह मामले को अलग रंग देना चाहते हैं।

मीडिया से बात करते हुए भोला सिंह ने कहा कि बुलंदशहर में कानून व्यवस्था की हमेशा से अच्छी रहती है। लेकिन इज्तिमा को लेकर पुलिस को अंधेरे में रखा गया। हिंसा की असली वजह यही है।’

सांसद भोला सिंह का ये बयान बहुत भ्रामक और पूर्वाग्रह से ग्रस्त लग रहा है। क्योंकि बुलंदशहर पुलिस पहले ही इस बात को साफ कर चुकी है कि घटना का इज्तिमा से कोई लेना देना नहीं है। भोला सिंह से पहले फेक न्यूज के लिए कुख्यात सुदर्शन न्यूज के संपादक भी इज्तिमा को लेकर ऐसी भ्रामक बात फैलाते पाए गए थें।

3 दिसंबर को सुदर्शन न्यूज के एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाणके ने बुलंदशहर हत्याकांड मामले पर ट्वीट किया था कि ‘बुलंदशहर इज्तेमा के बवाल के बाद कई स्कूलों में बच्चे फँसे है, रो रहे है, लोग जंगल में है, घरों के दरवाज़े बंद कर के लोग सहमे हूए है- सुदर्शन से लाईव बातचीत में स्थानीय लोग, सुदर्शन टीवी पर लाईव।’

सुरेश चव्हाणके के इस ट्वीट पर बुलंदशहर पुलिस ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था ‘कृपया भ्रामक खबर न फैलाएं। इस घटना का इज्तिमा कार्यक्रम से कोई संबंध नही है। इज्तिमा सकुशल सम्पन्न समाप्त हुआ है। उपरोक्त घटना इज्तिमा स्थल से 45-50 किमी थाना स्याना क्षेत्र मे घटित हुई है जिसमे कुछ उपद्रवियो द्वारा घटना कारित की गयी है। इस संबंध मे वैधानिक कार्यवाही की जा रही है’

वही एडीजी आनंद कुमार ने भी अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि जहां ये घटना इज्तिमा स्थल से 45-50 किमी दूर हुई है। और वहां पर भारी मात्रा में फ़ोर्स तैनात है, आधे लोग जा चुके है और बाकी लोग धीरे जा रहें मगर इस हिंसा से इज्तिमा का कोई भी लेना देना नहीं है।

बता दें कि सोमवार को बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र भीड़ ने पुलिस इस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई। दरअसल 3 दिसंबर को गांव में कथित गोवंश के अवशेष मिलने से ग्रामीण और हिंदुत्ववादी संगठन के लोग भड़क गए।

‘योगीराज’ में पुलिसकर्मी की हत्या कर थाने को फूंक दिया गया है, ख़बरदार किसी ने जंगलराज की ख़बर चलाई- गुरप्रीत गैरी

गुस्साए लोग पहले घटनास्थल से कटे अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंच गए। वहां उन्होंने जमकर हंगामा किया। पुलिस ने जब इन प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो यह पुलिस पर ही टूट पड़े।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कोतवाल सुबोध कुमार को बेरहमी से पीटा और चौकी को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों की इस पिटाई से कुमार बुरी तरह घायल हो गए। इसके बाद कुमार को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।

मंगलवार सुबह सुबोध कुमार सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव एटा जिले के जैथरा गांव के तरिगमा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here